Chhattisgarh

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान, तेज आंधी के साथ गिरेगा पानी; कई जिलों में अलर्ट

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान, तेज आंधी के साथ गिरेगा पानी; कई जिलों में अलर्ट

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ छत्‍तीसगढ़ :  में आज 30 अप्रैल को फिर से मौसम में बदलाव हुआ है। आज प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के आसार हैं। वहीं बीते दिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश और ओले गिरे। इससे किसानों की फसलों (CG Weather Update) को काफी नुकसान हुआ। इसी के साथ ही राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में मध्यम से तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग ने आगामी 4 दिनों तक ऐसे ही मौसम बने रहने की संभावना जताई है।

आईएमडी रायपुर ने जानकारी दी कि 29 अप्रैल मंगलवार को राजधानी में दिन का पारा 38.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्‍य से 2.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह रात का पारा 22.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से 0.4 डिग्री अधिक था।

छत्‍तीसगढ़ में दुर्ग सबसे गर्म
प्रदेश में सबसे ज्‍यादा तापमान की बात करें तो दुर्ग (CG Weather Update) सबसे गर्म रहा। दुर्ग में राज्‍य का सबसे ज्‍यादा तापमान 39.4 डिग्री और अंबिकापुर में रात का पारा 18.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि प्रदेश में बारिश के चलते कई जिलों में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, अमरपुर, सेंवरा, भदौरा जैसे क्षेत्रों में दोपहर बाद तेज आंधी और करीब 2 घंटे तक हुई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। धान, गेहूं, सरसों, उड़द, मूंग, तेंदू, आम, जामुन, टमाटर, लौकी, भिंडी, बरबटी जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह ओलों की मोटी परतें सड़क और खेतों में जम गईं।

किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, मुआवजे की मांग
ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों  की सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसलें ही नहीं, बल्कि थ्रेसिंग के बाद रखी गई गेहूं की बालियां तक नष्ट हो गईं। किसान अब शासन से तत्काल मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कृषि विभाग ने प्रारंभिक आकलन शुरू कर दिया है और जल्द मुआवजा देने का भरोसा जताया है।

तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, अमरपुर, सेंवरा, भदौरा जैसे क्षेत्रों में दोपहर बाद तेज आंधी और करीब 2 घंटे तक हुई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। धान, गेहूं, सरसों, उड़द, मूंग, तेंदू, आम, जामुन, टमाटर, लौकी, भिंडी, बरबटी जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह ओलों की मोटी परतें सड़क और खेतों में जम गईं।

किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, मुआवजे की मांग
ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसलें ही नहीं, बल्कि थ्रेसिंग के बाद रखी गई गेहूं की बालियां तक नष्ट हो गईं। किसान अब शासन से तत्काल मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कृषि विभाग ने प्रारंभिक आकलन शुरू कर दिया है और जल्द मुआवजा देने का भरोसा जताया है।

अगले दो दिनों में कैसा रहेगा मौसम का पूर्वानुमान
प्रदेश में आने वाले दो दिनों में मौसम में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। इस बीच कहीं हल्‍की तो कहीं मध्‍यम बारिश हो सकती है। इस बीच करीब 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के आसार हैं। दो दिनों के बाद फिर हवा की गति बढ़ने की संभावना है और यह गति 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है।

आज रायपुर में कैसा रहेगा मौसम
आईएमडी रायपुर ने जानकारी दी कि आज 30 अप्रैल को राजधानी में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। वहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। वहीं दिन का पारा 39 डिग्री और रात का तापमान 23 डिग्री के आसपास रहने के आसार हैं।

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