महाशिवरात्रि कामठी मेला में भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कुई-कुकदूर – कबीरधाम जिले के पंडरिया अंतर्गत ग्राम कामठी में महाशिवरात्रि के पर्व प्रतिवर्ष पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन होता है यह स्थान पुरातात्विक स्थल होने के साथ ही धार्मिक आस्था का केंद्र है। आसपास के लोग बच्चे,युवा, बुजुर्ग,महिलाएं सभी यहां भगवान भोलेनाथ, नरसिंह देवता का दर्शन कर मेला का आनंद लेते हैं यहां सभी प्रकार के दुकान,होटल,फल,सब्जी, ठेले प्रसाद, बच्चों के खिलौने, झुला सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होती है।
पुरातात्विक अन्वेषण की आवश्यकता
इतिहास के जानकार इसे पुरातात्विक धरोहर मानते हैं। यह कामठीगढ़ 477 साल पहले पंडरिया रियासत की राजधानी हुआ करती थी। कामठी में विशाल आकार का जलहरीयुक्त शिवलिंग, हनुमान और नरसिंह (हाथी पर आक्रमण करते शेर) की प्रतिमा, यक्ष-यक्षिणी, पत्थरों पर उत्कीर्ण मोहक आकृतियां और टीला मिले हैं। जो कामठीगढ़ के इतिहास की कहानी बयां करते हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक कामठी में मंदिरों के पास तालाब में ऐतिहासिक मूर्तियां निकलती रही है। इतिहासकार मानते हैं कि यहां टीले के उत्खनन से कई पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां, सिक्के और हथियार मिलने की संभावना है। लेकिन इसकी उपेक्षा से इतिहास गुम हो रहा है।

