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Coronavirus संकट से न‍ि‍कला हैै आत्‍मनिर्भर भारत अभियान, पीएम मोदी ने कहा हमें बनना है अब आयातक से निर्यातक

We have to turn COVID-19 crisis into opportunity for creating Atmanirbhar Bharat, says PM Modi
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की 95वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक साथ मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी संकल्पशक्ति, ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारी बहुत बड़ी ताकत है। एक राष्ट्र के रूप में हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की दवाई मजबूती है।

प्रधानमंत्री ने आईसीसी के कार्यक्रम में भारतीय उद्योग जगत को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना का संकट पूरी दुनिया में बना हुआ है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कॉरोना वॉरियर्स के साथ हमारा देश इससे लड़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्‍वाइंट  भी बनाना है। ये टर्निंग प्‍वाइंट है आत्म निर्भर भारत।

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक सपने की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है।  एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है।

इसी सबक से निकला है आत्मनिर्भर भारत अभियान। हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं उत्‍पादों का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।

किसानों और ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्‍पाद अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है। स्‍थानीय उत्‍पादों के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही बांस और जैविक उत्‍पादों के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे।

सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गेनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है। ऑर्गेनिक कैपिटल बन सकता है। उन्‍होंने कहा कि आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं। सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ पूर्व और उत्‍तर पूर्व के लोगों को होगा। मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है। विनिर्माण में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा सुनते आए हैं “What Bengal thinks today, India Thinks Tomorrow”। हमें इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।

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