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जिले में 30 सितम्बर तक हर किसान का एग्रीस्टेक पंजीयन अनिवार्य रूप से करें– कलेक्टर गोपाल वर्मा

समय-सीमा का पालन न करने वाले अधिकारियों पर तय होगी जिम्मेदारी

कलेक्टर ने किसानों की फसल को बीमारियों से बचाने दवा की गुणवत्ता जांचने के दिए निर्देश

कृषि केंद्रों में उपलब्ध दवाइयों की मूल्य व एक्सपायरी डेट की होगी सघन जांच

कलेक्टर गोपाल वर्मा ने ली कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक

कवर्धा,20 सितम्बर2025। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा धान खरीदी वर्ष 2025-26 के लिए एग्री स्टेक प्रोजेक्ट के अंतर्गत एग्रीस्टेक पोर्टल पर किसान पंजीयन प्रत्येक किसान के लिए अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी किसानों का पंजीयन एग्रीस्टेक पोर्टल पर सुनिश्चित कराना आरईओ की जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने सख्त निर्देशित किया कि प्रत्येक किसान की फार्मर आईडी एवं किसान पंजीयन 30 सितम्बर तक हर हाल में पूर्ण होना चाहिए। कलेक्टर श्री वर्मा ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में चल रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे एवं एग्रीस्टेक फार्मर रजिस्ट्रेशन की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय-सीमा का पालन न करने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। किसान पंजीयन सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री आरबी देवांगन, उप संचालक श्री मोहंती सहित कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर शत-प्रतिशत किसानों का पंजीयन कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पटवारी एवं तहसीलदार स्तर पर अनुमोदन की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में आरईओ स्तर पर कोई भी पंजीयन लंबित नहीं रहना चाहिए। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि आरईओ की यह जिम्मेदारी होगी कि वे प्रत्येक किसान से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर पंजीयन कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी पात्र किसान को पंजीयन के अभाव में धान खरीदी की प्रक्रिया से वंचित नहीं होना चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में अब तक 1 लाख 18 हजार 419 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है, जिनमें से 1 लाख 11 हजार 81 किसानों के पंजीयन का अनुमोदन तहसीलदारों द्वारा किया गया है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेष किसानों का भी शत-प्रतिशत पंजीयन शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मौसम को देखते हुए फसलों में बीमारियों की आशंका बनी हुई है। ऐसे में किसानों को समय पर सही उपचार उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी कृषि केंद्रों में उपलब्ध दवाइयों की जांच अनिवार्य रूप से की जाए। कलेक्टर श्री वर्मा ने सभी आरईओ को निर्देशित किया कि वे कृषि केंद्रों का निरीक्षण कर वहां रखी दवाइयों की गुणवत्ता, मूल्य और एक्सपायरी डेट की जांच करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी केंद्र में एक्सपायरी दवा किसानों को उपलब्ध न कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को फसल बीमारी के अनुसार उचित दवा की जानकारी मिलनी चाहिए। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि किसान समय पर दवा का उपयोग कर फसल को सुरक्षित रख सकें। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि फसल कटाई प्रयोग अत्यंत सावधानीपूर्वक एवं सभी की उपस्थिति में किया जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल औपचारिक कार्यवाही नहीं है बल्कि किसानों को फसल क्षति राशि दिलाने की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब फसल कटाई प्रयोग मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और सभी संबंधित अधिकारियों व किसानों को वास्तविक समय में जानकारी उपलब्ध होगी। कलेक्टर श्री वर्मा ने निर्देश दिए कि फसल कटाई प्रयोग के समय संबंधित अधिकारी, पटवारी, आरईओ के साथ-साथ गांव के किसान और आम ग्रामीण भी मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि किसानों को इस प्रयोग की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे स्वयं देख सकें कि उनकी फसल की स्थिति के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित की जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में किसानों की सुविधा के लिए 22 खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां दलहन एवं तिलहन की फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर खरीदी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल तरीके से की जानी चाहिए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। कलेक्टर वर्मा ने बताया कि जिले में किसानों के लिए खाद का नया रैक उपलब्ध हो गया है। उन्होंने सभी आरईओ को निर्देशित किया कि सोसाइटीवार और गांववार खाद की आवश्यकता का पूरा विवरण तैयार कर तत्काल उपलब्ध कराएं। आवश्यकता अनुसार खाद सीधे गांव तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद समय पर उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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