शिक्षा गुणवत्ता सुधार की दिशा में प्रभावशाली पहल: कलेक्टर ने किया शालाओं का व्यापक निरीक्षण


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
खैरागढ़, 10 जुलाई 2025 //
जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ बनाने प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चंद्रवाल ने आज खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत विभिन्न शासकीय विद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षण व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने शैक्षणिक वातावरण, शिक्षण विधियों, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता तथा नवाचारों का सूक्ष्म अवलोकन किया।

निरीक्षण की शुरुआत प्राथमिक शाला बैहाटोला से हुई, जहां कलेक्टर ने स्मार्ट क्लास, दीवार पत्रिका तथा लूडो जैसे शैक्षणिक खेलों के माध्यम से बच्चों को सीखने की प्रक्रिया से जोड़ने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कक्षा पहली एवं दूसरी के विद्यार्थियों को खेल आधारित शिक्षण पद्धति से जोड़ने को एक अभिनव पहल बताया।

प्रधानपाठक भगवती प्रसाद सिन्हा ने बताया कि ग्राम के शिक्षित युवक-युवतियों को स्वेच्छा से अध्यापन से जोड़ने हेतु सरपंच को पत्र सौंपा गया, जिसके फलस्वरूप तीन युवतियां निःशुल्क अध्यापन कार्य हेतु स्कूल से जुड़ीं। कलेक्टर ने इस सामुदायिक सहभागिता को प्रेरणास्पद बताते हुए अन्य ग्रामों में भी इसे अपनाने की बात कही।
मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर उन्होंने रसोईया श्रीमती हीरो बाई यादव से चर्चा कर जानकारी ली। इसके पश्चात प्राथमिक शाला गहिराटोला में बालवाड़ी के नन्हें बच्चों से संवाद करते हुए उन्होंने ‘टीवी’ और ‘रिमोट’ जैसे विषयों पर उनकी समझ को परखा। विद्यालय के किचन गार्डन में मौसमी सब्जियों, गन्ना और केला के पौधों को देखकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और इसे बच्चों के समग्र विकास से जोड़कर नवाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
माध्यमिक शाला विक्रमपुर में उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षक समय लाल धुर्वे द्वारा निःशुल्क अध्यापन कार्य किए जाने की सराहना की। पूर्व माध्यमिक शाला कटंगीखुर्द एवं हायर सेकेंडरी स्कूल विक्रमपुर के निरीक्षण के दौरान भी उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर शिक्षण व्यवस्था का मूल्यांकन किया।
हायर सेकेंडरी स्कूल विक्रमपुर में शाला विकास समिति द्वारा नियुक्त शिक्षक शिवकुमार यादव से उन्होंने विद्यालय संचालन से संबंधित जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुश्री नीलम सिंह राजपूत एवं बीआरसीसी सुजीत सिंह भी साथ मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री चंद्रवाल ने कहा कि विद्यालयों में नवाचार, सामुदायिक सहभागिता और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण ही शिक्षा में गुणवत्ता लाने की कुंजी हैं। उन्होंने ऐसे प्रयासों को जिले के अन्य विद्यालयों में मॉडल के रूप में लागू करने की आवश्यकता जताई।