छत्तीसगढ़ की बेटी डॉ प्रियंका बिस्सा राष्ट्रीय कर्मयोगी अवार्ड से सम्मानित

भारत मण्डपम दिल्ली व करनाल में हुआ आयोजन
” निफ़ा ” द्वारा देश के प्रत्येक राज्य के हर ज़िले से एक महिला और एक पुरुष चयनित 1200 समाज सेवकों में से “छत्तीसगढ़ की बेटी ” से विख्यात डॉ प्रियंका बिस्सा को राष्ट्रीय कर्मयोगीं नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
भारत मण्डपम दिल्ली व करनाल में तीन दिवसीय नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ़ आर्टिस्ट एक्टिविस्ट “निफ़ा” सिल्वर जुबली के भव्य समारोह ( 21 से 24 सितम्बर 2025 ) में महामहिम राष्ट्रपति मॉरीशस के प्रतिनिधि, जापान, दुबई, इंग्लैंड, कैनेडा,सहित विभिन्न देशों से आऐ प्रतिनिधियों , सर्व श्री प्रीतपाल सिंह जी चेयरमैन निफ़ा, हरविंदर कल्याण , अध्यक्ष , हरियाणा विधानसभा, संजय पंजवानी वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ़ एक्सीलेंस इंग्लैंड , मंगल दूबे , डायरेक्टर , इण्डो रशिया कल्चरल सोसाइटी , पराग गप्पा सुवा जन सेवक इंक यूथ प्रेसिडेंट , स्वामी प्रेम मूर्ति जी मानव सेवा संघ प्रमुख ,डॉ लाजपत राय चौधरी मुख्य संरक्षक ,डॉ अंजू सिंह महारानी सिंगरा मोउ जौनपुर उत्तर प्रदेश ,संदीप सिंह दुबई ,हरियाणा विधायक व अन्य मंत्रीगण, सेलिब्रिटी द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया ।
निफ़ा देश के 28 राज्य 8 केंद्र शासित राज्य व अन्य 10 देशों में 7000 ऐक्टिव वॉलंटियर्स के साथ 6 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, कला, संस्कृति और समाजसेवा को समर्पित संस्था है।
डॉ प्रियंका मात्र 12 वर्ष की आयु से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। अपने असाधारण योगदान के लिए उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 400 से अधिक प्रतियोगिता विजेता पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें भारत के युवाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान “एनएसएस राष्ट्रपति पुरस्कार 2019” राष्ट्रपति भवन में प्रदान किया गया। वे प्रतिष्ठित करमवीर चक्र पुरस्कार से भी सम्मानित हैं। उन्होंने 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं और भारत का पहला ब्लड टेस्ट कार्ड भी शुरू किया है।
डॉ. प्रियंका बिस्सा की जीवनी और उपलब्धियाँ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) की तैयारी पुस्तकों में सम्मिलित हैं। वर्ष 2020 की पीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उन पर आधारित एक प्रश्न भी पूछा गया था।
भारत – चीन के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा भारतीय युवा राजदूत बनीं । भारत की पहली युवा संसद में देश के 8,500 युवाओं में प्रियंका विजेता रही । उन्होंने भारत के माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित भारत के पहले मेगा युवा संसद में तत्कालीन 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 8,500 युवाओं के बीच भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता, साथ ही सैनिटरी पैड मशीन स्थापित करने का उनका महत्वपूर्ण विचार छत्तीसगढ़ बजट में शामिल किया गया है।
युवा आइकॉन डॉ प्रियंका युवाओं को संदेश देते हुए कहती हैं कि आज के युवाओं के लिए दिशाएँ अनेक है लेकिन सही दिशा निर्देशक का अभाव है इसलिए ऊर्जावान युवा भी बेरोज़गार रह जाता है । उनका कहना है कि ‘बदलाव लाने के लिए बदलाव बनना ज़रूरी है तो आज ही पहला कदम उठाइए क्योंकि कोई सपना बड़ा नहीं है, और कोई लक्ष्य ज़्यादा दूर नहीं है।”
वर्तमान में डॉ प्रियंका स्वास्थ्य , महिला एवं युवा उत्थान, ग्रामीण व आदिवासी विकास समेत सामाजिक कार्यों में सक्रिय है साथ ही अपने शोध अध्ययन देश नीति में युवाओं व महिलाओं का उत्थान तथा डिजिटल डेमोक्रेसी अवेयरनेस पर आधारित पुस्तक पर काम कर रहीं हैं ।