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छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा घोटाला! ED ने मारे 10 जगहों पर छापे, पूर्व IAS और ट्रांसपोर्टर रडार पर

छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा घोटाला! ED ने मारे 10 जगहों पर छापे, पूर्व IAS और ट्रांसपोर्टर रडार पर

AP न्यूज़ रायपुर प्रतिनिधि : ईडी ने 36000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला, ट्रांसपोर्टर सुधाकर रावटे सहित अन्य के 10 ठिकानों पर छापे मारे। यह छापेमारी गुरुवार को भिलाई में हुड़को और तालपुरी स्थित ठिकानों पर की गई है। टीम छापेमारी के दौरान आलोक शुक्ला के घर में नहीं मिलने पर उनके घर में नोटिस चस्पा कर वापस लौट गई।

इनपुट के आधार पर की गई छापेमारी
वहीं ट्रांसपोर्टर सुधाकर और अन्य लोगों के घरों की तलाशी ली गई। इस दौरान लेनदेन, प्रॉपर्टी, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले। इसके संबंध में पूछताछ करने के बाद उन्हें जांच के लिए जब्त किया गया है। बता दें कि इसके पहले 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉ. शुक्ला और अनिल टूटेजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था। इसके बाद से छापेमारी और गिरफ्तारी की तैयारी चल रही थी। इसकी जानकारी मिलते ही आलोक शुक्ला दो पहले ही भोपाल चले गए। ईडी के सूत्रों का कहना है कि नान घोटाले की जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी की गई है।

इसके पहले ईओडब्ल्यू कस्टम मिलिंग घोटाले में मुख्य आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा और रायपुर के होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों इस समय शराब और कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल भेजे गए है। उक्त दोनों से पूछताछ में मिले इनपुट्स के आधार पर ही ईडी ने भिलाई में छापेमारी की।

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में कई अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत कर कमीशनखोरी करने के अहम सुराग मिले हैं। इस छापेमारी के बाद आलोक शुक्ला पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बता दें कि कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल भेजे गए मार्कफेड के तात्कालीन एमडी मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा किए गए है।

यह है पूरा मामला
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में आरोपियों ने 2015 में घोटाला किया था। इसी घोटाले से कस्टम मिलिंग भी जुडा़ हु्आ था। जहां मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए 40 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाता था, जिसे तत्कालीन राज्य सरकार ने बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। इसके भुगतान के एवज में मिलर्स से 20 रुपए प्रति क्विंटल की कट मनी वसूली गई।

इसका भुगतान करने वालों के बिल पास किए गए। वहीं कमीशन नहीं देने वालों को भुगतान रोका गया था। ईडी ने इस मामले में 3500 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया है, जिसमें 35 पेज की एक समरी भी शामिल है। नान घोटाले में छापेमारी की सूचना पर पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला रायपुर जिला न्यायालय में ईडी के स्पेशल कोर्ट में दोपहर 3 बजे सरेंडर करने पहुंचे थे।

लेकिन, कोर्ट ने सरेंडर कराने से इनकार करते हुए कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर अपलोड नहीं हुआ है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईडीकोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। लेकिन कोर्ट से ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया नहीं है, जब ऑर्डर आ जाएगा तो आप ऑर्डर के साथ आइए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए 2 हफ्ते कस्टोडियल और ज्यूडिशियल रिमांड के आदेश दिए हैं।

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