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Chardham Yatra 2020: 1 JULY से शुरू होगी चारधाम यात्रा, गाइडलाइन के इन नियमों का रखें ध्यान

Chardham Yatra 2020 will start from 1st july For Only Uttarakhand Pilgrims Guidelines Issue
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देहरादून। उत्तराखंड सरकार के नियंत्रण वाले चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने सोमवार (29 जून) को राज्य के निवासियों को 1 जुलाई से बदरीनाथ, केदारनाथ सहित सभी चार धामों के दर्शन की सशर्त अनुमति दे दी। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने इस संबंध में यहां आदेश जारी करते हुए कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों और ‘बफर जोन’ में रहने वाले लोगों को किसी भी धाम क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले जारी आदेशों के अनुसार, 30 जून तक केवल उसी जिले में रहने वाले श्रद्धालुओं को जिलाधिकारी की अनुमति से चारों धामों में दर्शन की अनुमति थी जहां ये मंदिर स्थित हैं। कोविड-19 के मद्देनजर चार धामों के दर्शन की अनुमति कुछ प्रतिबंधों के तहत दी गयी है। 

आदेश के अनुसार, राज्य में रहने वाला व्यक्ति यदि राज्य के बाहर से यात्रा करके आया है तो पृथकवास अवधि पूरी करने के बाद ही चारधामों के दर्शन के लिये पात्र होगा। यात्रा शुरू करने से पूर्व देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण जरूरी होगा। इसमें श्रद्धालुओं को अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। सभी शर्तों के संबंध में सेल्फ डिक्लेरेशन करना होगा, फिर यात्रा के लिए ई पास जारी होगा। हर धाम में केवल एक ही रात्रि  ठहरने की इजाजत होगी। श्रद्धालु प्रत्येक धाम क्षेत्र में यात्रा विश्राम स्थल पर केवल एक रात ही रूक सकते हैं। कोविड-19 या फ्लू के लक्षणों वाले व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी आपदा की स्तिथि में स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी होगी।

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 65 साल से अधिक के बुजुर्गों तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति यात्रा नहीं कर पाएंगे। धाम क्षेत्र में यात्रा के दौरान हैंड सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग तथा सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। रावल, धर्माधिकारी, पुजारियों तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी धाम के गर्भगृह तथा गर्भगृह से सटे हुए सभामंडप के आगे के भाग में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित होगा। मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को पहले हाथ पैर धोना जरूरी होगा, परिसर के बाहर से लाए किसी प्रसाद चढ़ावे को मंदिर परिसर में लाना वर्जित रहेगा, देवमूर्ति को स्पर्श करना वर्जित रहेगा। कोई भी श्रद्धालु धाम में मंदिर के गर्भगृह, सभा मंडप के अग्रभाग में नहीं जा सकेंगे।

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