ChhattisgarhKabirdham

छंदकार बोधन राम निषादराज “विनायक” का नाम “इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड” में हुआ शामिल

छंदकार बोधन राम निषादराज “विनायक” का नाम “इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड” में हुआ शामिल

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा ब्लॉक अंतर्गत शास.उच्च.मा.वि.सिंघनगढ़ के वाणिज्य के व्याख्याता एवं छंदकार बोधन राम निषादराज”विनायक” द्वारा रचित दोहों एवं चौपाइयों का वीडियो एल्बम “इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड” में सम्मिलित कर लिया गया है।देश के सभी राज्यों के कवियों एवं छंदकारों द्वारा रचित महाग्रंथ को इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा वर्ल्ड रिकार्ड के लिए चयनित कर लिया गया है।जिससे हिंदी प्रेमियों व कवियों में हर्ष व्याप्त है।

छंदकार बोधन राम निषादराज”विनायक” ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच की संस्थापिका हिंदी सेवी डॉ.ममता सैनी ने तंजानिया में रहते हुए “भारत को जाने” नामक एक महाकाव्य देश के सभी राज्यों के विभिन्न कवियों एवं छंदकारों द्वारा लिखवाया जिसमें दोहों और चौपाइयों के माध्यम से भारत के सभी राज्यों की जनसांख्यिकी, कला-संस्कृति, उपलब्धियाँ, इतिहास, भौगोलिक संरचना, प्राकृतिक सौंदर्य तथा प्रमुख व्यक्तित्व को संदर्भित करते हुए सभी राज्यों के लिए लेखन कार्य करवाया गया।

इस कार्य में डॉ.सन्तोष सिंह “सजल”को मेघालय राज्य का समन्वयक बनाया गया।जिसके नेतृत्व में 6 कवियों एवं छंदकारों जिनमें बोधन राम निषादराज”विनायक”, डॉ.मीता अग्रवाल, डॉ.दशरथ मसानिया,डॉ.मंजुला”हर्ष” श्रीवास्तव, डॉ.लक्ष्मीनारायण बुनकर और रूपेश राज तिवारी आदि कवियों ने मेघालय राज्य पर अलग-अलग सन्दर्भ में दोहे एवं चौपाइयों के माध्यम से राज्य की गौरव गाथा का वर्णन किया। बोधन राम निषादराज”विनायक” ने मेघालय राज्य की भौगोलिक सौन्दर्य पर रचना किया है जिसका कोड नं. M-6 और प्रदत्त विषय –
38-पशु
39 -पक्षी
40-पुष्प
41-वृक्ष
42- पर्यटन स्थल
43-बाँध
44. प्रदेश की सीमाएँ

लेखन कार्य पूर्ण होने के बाद 23 अक्टूबर सन् 2021 से 30 नवम्बर सन् 2021तक 37 दिनों तक शाम 7:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक प्रतिदिन एक राज्य के कवियों द्वारा ऑनलाइन काव्य पाठ किया गया था। जिसकी संगीतमय गायन एल्बम भी तैयार कराई गई। रामायण की तर्ज पर बने इस ग्रन्थ को विश्व रिकार्ड में सम्मिलित करने की तैयारी की जा चुकी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page