CEO को हटाने की मांग..भेदभाव का लगा आरोप… मुंगेली जिला बना विवादित…. CMO, SDM के बाद CEO के खिलाफ मोर्चा….

मुंगेली। जनपद सीईओ को हटाने की मांग को लेकर मुंगेली जिले के जनप्रतिनिधि एक हो गए है,विवादित और भेदभाव का रवैया अपनाने वाले अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है,इसी वजह से कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है और कार्यवाही करने की मांग की गई है। मुंगेली जिले में फिलहाल कुछ दिनों से अलग अलग विभाग के अधिकारियों को हटाने की मांग की जा रही है,इसमे चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा मुंगेली जिले में आपसी तालमेल नही जम पाने की वजह से यह मामला उठ रहा है….तालमेल के अभाव में लोरमी का विकास भी ठप्प हो चुका है,अब सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है…आपको बता दे कि जहाँ कुछ दिनों पहले मुंगेली नगरपालिका सीएमओ तो वही लोरमी एसडीएम को भी हटाने की मांग की जा चुकी है, और अब जनपद सीईओ को हटाने जनप्रतिनिधियों ने मांग रख डाली,,, जिले के लोरमी जनपद क्षेत्र की अध्यक्ष मीना नरेश पाटले के साथ क्षेत्र के 15 जनपद सदस्यों व लगभग 10 ग्राम के सरपंचों सहित विभिन्न सामाजिक संगठन और निर्वाचित कुछ जिला पंचायत पदाधिकारियों पर जनपद अध्यक्ष लोरमी के अधिकारों के हनन व उपेक्षित किये जाने का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में जिला पंचायत सीईओ को हटाने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। लोरमी क्षेत्र से जिला पंचायत सीईओ को तत्काल हटाने संबंधित तख्त बैनर के साथ मौन रूप में पैदल मार्च करते बड़ी संख्या में जनपद सदस्य व सामाजिक संगठन से जुड़े लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां जिला पंचायत सीईओकी कार्यशैली पर सवाल उठाते व गंभीर आरोप लगाते क्षेत्र के निर्वाचित जनपद अध्यक्ष सहित सदस्यों को पंचायती काम मे उपेक्षित करना साथ ही प्रशासनिक एवं विकास कार्यो की जानकारी न देने का आरोप लगाते मोर्चा खोल दिया है,, जहाँ ज्ञापन में यह भी बताया गया कि लोरमी जनपद अध्यक्ष मीना नरेश पाटले अनुसूचित जाति की है इसलिए तिरस्कार की भावना से इस प्रकार का कार्य किया जाना प्रतीत होता है वहीँ सिर्फ कागजी नाम की अध्यक्ष बना देने का भी आरोप लगाया गया है,,, ज्ञापन देने वालो ने यह भी बताया कि जिला पंचायत सीईओ द्वारा पंचायत के विकास कार्यो की बैठक में भी उन्हें उपेक्षित किया जाता है,,, जानकारी दिए बगैर ही गुपचुप बैठक कर समस्त कार्यो को अपने ही अनुसार कार्य करवा लिया जाता है जिसकी जानकारी मांगने पर भी नही दी जाती जिसके कारण आम जनता के बीच क्षेत्र से चुन कर आए जनपद अध्यक्ष व सदस्य की छवी धूमिल हो रही है। जिसको लेकर 28 तारीख को जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में सर्वसम्मति से जिलापंचायत सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। कलेक्टर की अनुपस्थिति में अतिरिक्त कलेक्टर राजेश नाशीने द्वारा ज्ञापन लिया गया जहाँ उन्होंने आश्वासन दिया कि मांग ज्ञापन की कलेक्टर द्वारा समीक्षा के साथ वैधानिक विधिमत कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल मुंगेली जिले में अब विवादों का सिलसिला चलने लगा है और हर दिन एक न एक कहानी बनकर सामने आ रही है,जिसमे अक्सर विवादित अफसर आ रहे है और अफसरो को हटाने की मांग की जा रही है। लेकिन देखना होगा कि आखिर कब तक विवादितअफसरो पर कार्यवाही होती है या फिर इसी तरह जनप्रतिनिधि चिल्लाते रहेंगे और विवादित अफसरो का कुछ नही होगा।