जन चौपाल लगाकर न्यायाधीश ने विभिन्न कानून के संबंध में दी ग्रामीणों को जानकारी


जागरूकता ही बचाव का सबसे उत्तम साधन – न्यायाधीश


खैरागढ़ 07 अप्रैल 2024// छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर व अध्यक्ष सुषमा सावंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनंदगांव के निर्देशानुसार और न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन ग्राम पांडाडाह में किया गया ।
जहां रोजगार गारंटी अंतर्गत तालाब गहरीकरण का काम कर रही ग्रामीण महिलाओं को संबोधित करते हुए जेएमएफसी गुरु प्रसाद देवांगन ने उपस्थित ग्रामीण जनों को संबोधित कर पॉक्सो एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो अधिनियम बनाया गया है। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है। इस कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका की सहमति असहमति का कोई अर्थ नहीं होता है| और आगे मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताया गया आज के भारत में कुछ साधारण टू-व्हीलर चालकों के लिए नियम इस प्रकार हैं –बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट पहने, शराब पीकर गाड़ी ना चलाएं, सही तरीके से इंडिकेटर का उपयोग करें, हमेशा गाड़ी चलाते समय सामने की तरफ नजर बनाए रखें और ध्यान से गाड़ी चलाएं, पीछे की ओर से आते हुए गाड़ियों पर मिरर की मदद से ध्यान बनाए रखें, ओवरटेक करते समय सभी नियमों का ध्यान रखें, बाइक ड्राइवर के साथ और एक ही व्यक्ति बैठ सकता है। उन्होंने बताया की इस बार केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों को और भी मजबूत और कड़ा बनाया है जिससे की लोग सही प्रकार से ट्रैफिक नियमों का पालन करें और साथ ही रोड एक्सीडेंट में भी कमी आये। आगे व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 गुरु प्रसाद देवांगन ने घरेलू हिंसा के संबंध में बताया कि
इस कानून में एक बात ध्यान देने योग्य है कि इसमें आमतौर पर केवल पत्नियों द्वारा ही पति और सुसराल के लोगों पर मुकदमा लगाया जाता है लेकिन यह कानून इससे कही ज्यादा विस्तृत है। गृहस्थी में रहने वाली कोई भी महिला अपने साथ हिंसा होने पर घर के पुरुष या महिला किसी भी सदस्य या सदस्यों पर मुकदमा लगा सकती है। एक मां भी अपने पुत्रों पर एवं बहुओं पर घरेलू हिंसा का प्रकरण लगा सकती है या फिर लिव इन में रहने वाली महिला पार्टनर अपने पुरुष पार्टनर पर घरेलू हिंसा का केस लगा सकती है, इस तरह एक बेटी भी अपने माता पिता पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करवा सकती है। साथ ही टोनही प्रताड़ना , अभिव्यक्ति एप्लीकेशन और महिलाओं में होने वाले निमोनिया खून की कमी के संबंध में भी विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
आगे पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने
तालुका विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा प्रदान की जाने वाली निशुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता व नालसा की योजनाओं सहित कार्यक्रम में आगे साइबर अपराध के अंतर्गत बताया कि किसी भी अनजान को अपना पर्सनल एवं बैंकिंग जानकारी शेयर ना करें।
कार्यक्रम का संचालन पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने किया। ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों ने अपनी शंका समाधान के लिए प्रश्न व्यवहार न्यायाधीश के समक्ष रखी जिसका समाधान बताया गया। कार्यक्रम में मनोरमा यदु, सरपंच, संजय यदु, कादर बेग, वेदांत, मधुबाला, मनीष गुप्ता सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।