बस संचालकों की दादागिरी : मंत्री अकबर ने 5 मिनट पुराने बस स्टैंड पर दी थी हल्टिंग की सुविधा, बस मालिक यहीं से चला रहे।
कबीरधाम:- यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को लेकर कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने बस ऑपरेटरों को पुराने बस स्टैंड पर 5 मिनट हल्टिंग की सुविधा दी थी, परंतु बस मालिकों ने यहीं से बस चलाना शुरू कर दिया। नतीजा यह रहा कि नया बस स्टैंड वीरान हो गया है। बस संचालकों की मनमानी ऐसी है कि उन्होंने मंत्री अकबर की बात को भी अनसुना कर दिया। इससे पुराने बस स्टैंड पर जाम लग रहा है तो राहगीरों व यात्रियों के साथ दुर्घटना की संभावना भी बनी हुई है। नगर पालिका ने पुराने बस स्टैंड पर बसों के ठहराव को रोकने के लिए चलान करने की योजना भी बनाई है, लेकिन वह भी अभी तक कागजों में ही है।
शहर से प्रतिदिन राजनांदगांव बिलासपुर रायपुर व दुर्ग यात्री बसों का आवागमन होता है, जो सीधे पुराने बस स्टैंड पर पहुंच रही है। पुराने बस स्टैंड पर जगह कम होने व फुटकर व्यवसाय होने से यहां जाम की स्थिति बनी रहती है, वहीं राहगीरों व यात्रियों के साथ दुर्घटना का भय भी बना रहता है। तीन से अधिक बसों के आने पर चौथी बस को सड़क पर ही खड़ा करना होता है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ही नए बस स्टैंड का निर्माण किया गया, लेकिन बसों के वहां नहीं पहुंचने से पहले जैसी ही स्थिति बन चुकी है।
पुराने बस स्टैंड पर नगर पालिका ने चलान करने की योजना बनाई है। बसें नए बस स्टैंड से होकर 5 मिनट का हल्टिंग देकर रवाना हो जाएंगी। अभी हालात यह है कि बस सीधे पुराने बस स्टैंड पर पहुंचकर यहीं खड़ी रहती है।
11 करोड़ की लागत से बना है हाईटेक बस स्टैंड
नगर पालिका ने लोहारा रोड बायपास पर 11 करोड़ की लागत से नया हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण किया हैं। बस स्टैंड पर दुकानों का भी निर्माण किया गया था। जिससे यात्रियों को खाने-पीने की वस्तुएं उपलब्ध हो तो नगर पालिका को भी आय होने लगे। बसों के यहां नहीं पहुंचने से यह वीरान हो चुका है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए बस स्टैंड की शुरुआत की थी। जिसके बाद प्रशासन की सख्ती पर बस ऑपरेटर बसों को नए बस स्टैंड ले जाने लगे थे। नए बस स्टैंड का उद्घाटन कुछ दिन ही हुआ था कि बस ऑपरेटरों ने अध्यक्ष ऋषि शर्मा से मुलाकात कर पुराने बस स्टैंड में 5 मिनट की हल्टिंग देने की मांग की थी। इस पर नगर पालिका ने मांगों पर विचार करते हुए बसों को 5 मिनट का ठहराव पुराने बस स्टैंड में देने का आदेश जारी किया। जिसके बाद तो बस ऑपरेटरों ने मनमानी ही शुरू कर दी और पुराने बस स्टैंड से ही बसों का संचालन शुरू कर दिया जिससे नये बस स्टैंड एक भी बस नहीं पहुंच पा रही हैं।