नई दिल्ली. निर्भया रेप केस मामले में बड़ी खबर आ रही है. खबर ये है कि उच्चतम न्यायालय ने निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) सोमवार को खारिज कर दिया है. यानी सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोग लगाने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया है. बता दें कि सभी दोषियों को मंगलवार को फांसी दी जानी है.
जाने इस मामले में कब क्या हुआ
दोषी पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) खारिज कर दी गई. इससे पहले बाकी तीन दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन भी इसी बेंच ने खारिज की थी. हालांकि पवन के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा है. वहीं जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरिमा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि अदालत के पास इस मामले में दखल देने का कोई आधार नहीं है.
बता दें कि निर्भया के बाकी तीन दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन भी इसी बेंच ने खारिज की थी. इससे पहले पवन गुप्ता ने यह भी दावा किया था कि वह 2012 में घटना के समय वह नाबालिग था, हालांकि पवन की इस दलील को ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट, तीनों ने पहले ही खारिज कर दिया है. निचली अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर तीन मार्च, सुबह 6 बजे फांसी की तारीख तय की है.
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