
BIMSTEC Virtual Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज श्रीलंका की अगुवाई में आयोजित सात देशों के बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा होने की उम्मीद है। बिम्सटेक में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।
करीब 4 साल बाद हो रही इस कोलंबो शिखर सम्मेलन का विषय “बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था, और स्वस्थ लोग” है। शिखर बैठक के अंत में वर्तमान BIMSTEC अध्यक्ष श्रीलंका, अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी थाईलैंड को सौंपेगा। 30 मार्च 2022 को आयोजित किए जाने वाले कोलंबो शिखर सम्मेलन में सदस्य देश “बिम्सटेक चार्टर” को अपनाएंगे। इसके जरिए BIMSTEC को “अंतर्राष्ट्रीय पहचान” देने की कोशिश होगी। साथ ही औपचारिक रूप से इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों को परिभाषित किया जाएगा। इसके अलावा बुनियादी संस्थागत ढांचा को तैयार होगा जिसके माध्यम से यह समूह काम करेगा।
कोलंबो में 18वीं बिम्स्टेक मंत्रिस्तरीय बैठक में मंगलवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने हिस्सा लिया। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के अपने समकक्षों से मुलाकात की और संपर्क, ऊर्जा और जल विद्युत परियोजनाओं में सहयोग पर चर्चा की। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसके बाद ट्वीट किया, ‘बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का से मिलकर अच्छा लगा. संपर्क, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य और बिजली में हमारे सहयोग पर चर्चा की। रामायण सर्किट को आगे बढ़ाने पर ध्यान देने पर भी सहमति बनी।’
BIMSTEC, बंगाल की खाड़ी के देशों पर केंद्रित एक क्षेत्रीय सहयोग मंच है। इसका विकास भारत के प्रयास पर जून 1997 में ‘बिस्ट-ईसी’ समूह (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) की स्थापना के साथ शुरू हुआ था। बाद में म्यांमार (दिसंबर 1997), नेपाल और भूटान (फरवरी 2004) के प्रवेश के बाद वर्तमान ‘बिम्सटेक’ समूह गठित हुआ।
समुद्री सहयोग को अहमियत
बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती देशों का समूह होने के कारण BIMSTEC देश समुद्री सहयोग को अहमियत देते हैं। भारत इसमें अग्रणी रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में उसके पास महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमताएं हैं। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र मौसम की घटनाओं से भी काफी प्रभावित रहता है जो अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का भी कारण बनती हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम कम करना BIMSTEC में भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण एजेंडा बन गया है। हाल ही में आयोजित पैनेक्स अभ्यास जैसे अभ्यासों के माध्यम से आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के बीच सहयोग, या उन्नत मौसम पूर्वानुमान से संबंधित साझेदारी जैसी गतिविधियां को भारत ने आगे बढ़ाया।