ChhattisgarhINDIAKabirdhamखास-खबर

भुइयां – “जिम्मेवारी और जतन” कार्यक्रम का आयोजन सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण पर हुआ व्यापक संवाद

भुइयां – “जिम्मेवारी और जतन” कार्यक्रम का आयोजन सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण पर हुआ व्यापक संवाद

कवर्धा, 8 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ एग्रीकॉन समिति और समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “भुइयां – जिम्मेवारी और जतन” कार्यक्रम का सफल आयोजन श्याम पैलेस, कवर्धा में हुआ। इस आयोजन में चार सौ से अधिक लोगों की भागीदारी रही। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 4 रिटर्न्स फ्रेमवर्क के तहत समुदाय-नेतृत्वित और समावेशी भूदृश्य पुनर्स्थापन (लैंडस्केप रेस्टोरेशन) पर संवाद को प्रोत्साहित करना था।

कार्यक्रम में कृषि, पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्रों के कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ एवं अतिथि उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. आर. रवि सक्सेना (कुलपति एमजीयूवीवी), शशि कुमार (डीएफओ, कवर्धा), विष्णु वैभव द्विवेदी (सीटीओ, आईआईटी भिलाई), डॉ. गोवर्धन भट्ट (सहायक प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर), अभिषेक सिंह (एसबीसी विशेषज्ञ, यूनिसेफ), डॉ. एन. सारंग (एसोसिएट प्रोफेसर, फिशरीज कॉलेज, कवर्धा), अखिलेश दुबे (सहायक कृषि निदेशक, कवर्धा), डॉ. शुभा बनर्जी (सहायक प्रोफेसर, आईजीकेवी), हरमा राडेमेकर और शेखर कोलिपाका (कॉमनलैंड, नीदरलैंड्स), ईशा झावर (सीईओ, रिपीट गुड) और डॉ. संकेत ठाकुर (कृषि वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता) शामिल थे।

“कवीर लैब” का उद्घाटन – जैव-इनपुट उत्पादन में नवाचार की दिशा में बड़ा कदम

कार्यक्रम के दौरान “कविर लैब” का उद्घाटन किया गया, जो जैव-इनपुट उत्पादन के लिए एक बायोटेक्नोलॉजी लैब, बायोफर्टिलाइज़र उत्पादन प्रशिक्षण केंद्र, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला और व्यवहार प्रयोगशाला को मिलाकर तैयार की गई है। यह लैब किसानों को जैविक खेती से जोड़ने, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए नवाचार और ज्ञान प्रसार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगी।

बैगा नृत्य और परिवर्तन की कहानियां बनीं आकर्षण का केंद्र

कार्यक्रम में पलक बैगा नृत्य समूह द्वारा पारंपरिक बैगा नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसने आदिवासी समुदायों के प्रकृति से गहरे जुड़ाव को दर्शाया। इसके बाद ओमप्रकाश चंद्राकर, कुंती बाई, फगनी मसराम, सुनीता चंद्रवंशी, विजय मेरावी, दुकलहा चंद्रवशी, बल्लू सिंह बैगा और भागवत चंद्राकर ने अपनी परिवर्तनकारी कहानियां साझा कीं, जो 4 रिटर्न्स मॉडल के प्रभाव को दर्शाती हैं।

महिला सशक्तिकरण पर विशेष प्रस्तुति

कार्यक्रम के दौरान कस्तूरबा आदिवासी विद्यालय, कवर्धा की छात्राओं द्वारा महिला सशक्तिकरण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। इस प्रस्तुति ने ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी को उजागर किया।

तकनीकी सत्र और विषय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा

कार्यक्रम में सतत कृषि, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। विशेषज्ञों ने टिकाऊ कृषि, जलवायु अनुकूलन, कार्बन क्रेडिट और सामुदायिक नेतृत्व पर चर्चा की।

विशेष स्टॉल और “प्रेरक फोटो प्रतियोगिता”

कार्यक्रम स्थल पर कई प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए, जिनमें कविर किसान स्टॉल, मानसिक स्वास्थ्य स्टॉल, कार्बन क्रेडिट स्टॉल, जेंडर ट्रांसफॉर्मेशन स्टॉल और प्रेरक स्टॉल प्रमुख थे। इसके अलावा, “प्रेरक फोटो प्रतियोगिता” के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की सफलता और समापन

कार्यक्रम के अंत में डॉ. रवि आर. सक्सेना ने अपने समापन भाषण में सतत कृषि, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया। रजनीश अवस्थी (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ एग्रीकान समिति) ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन कविता लांझी और दीपाली ने किया ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page