प्रधानमंत्री जनमन महाभियान से बैगा जनजातीय परिवारो को मिल रहा है ‘सपनों का घर’


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी
बैगा परिवारो के जिंदगी में बिखेर रही है नई रोशनी
प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा एवं जनपद की पूरी टीम के द्वारा लगातार दौरा कर घरों को पूर्ण कराया जा रहा है
हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि उसके पास रहने के लिए एक पक्का घर हो, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुकून भरी जिंदगी जी सके। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगो के लिए यह सपना वर्षो तक अधूरा ही रह जाता है। साथ ही दुर्गम वनांचल क्षेत्रो में रहने वाले हितग्राही तो जीवन भर कच्चे घर, बांस बल्ली, घास वाले घर में ही रहना पड़ता है।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के विकासखंड छुईखदान के 18 ग्राम पंचायतो के 47 बसाहटो मे प्रधानमंत्री जनमन महाभियान के तहत वर्ष 2023-24 मे कुल 858 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए है।
इन 47 बसाहटो में दुर्गम क्षेत्रो मे रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा हितग्राही कभी सोचे नही थे कि उनके पक्के घर का सपना पूरा हो पाएगा। आज अपने पक्के घर को बनते हुए देख रहे हैं। अब उनके लिए उनका पुराना बांस का घर अब बीते दिनो की बात हो गई है। आज इस योजना की बदौलत वे संतुष्टि की भावना एवं आत्मसम्मान के साथ जी रहे हैं और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे है। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत, विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहो के लिए घर बनाए जा रहे हैं, जो लंबे समय से बुनियादी ढांचे के बिना रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री जनमन अभियान के तहत कुल 858 बैगा हितग्राहियों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराए गए है। जिसमें अगस्त 2024 की स्थिति में केवल 10 आवास ही पूर्ण हुए थे। जिला प्रशासन खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के मार्गदर्शन मे एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के नेतृत्व मे प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, जनपद एवं ग्राम पंचायत की पूरी टीम के द्वारा लगातार सभी बैगा बसाहटो में दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में सघन दौरा कर बैगा हितग्राहियों के साथ लगातार चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित कर इन आवासो को पूर्ण कराया जा रहा है। आज दिनांक की स्थिति मे कुल 335 पीएम जनमन आवास पूर्ण हो गए है। साथ ही आगामी कुछ सप्ताह मे लगभग 150 पीएम जनमन आवास और पूर्ण हो जाएंगे। दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों मे आवास बनाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन जनपद टीम के लगातार इन क्षेत्रों में दौरा कर घरों को पूर्ण कराया जा रहा है।
बैगा परिवारों को पक्के आवास मिलने से उनके जीवन में स्थायित्व भी मिला है।