मनरेगा मजदूरी भुगतान को जातियों में बाटे केंद्र की मोदी सरकार-जनपद अध्यक्ष,खिलेश देवांगन।
छत्तीसगढ़,मनरेगा के तहत श्रमिको का राशि के भुगतान को लेकर आरंग के क्षेत्रीय जनपद पंचायत अध्यक्ष खिलेश देवांगन ने अनुभागीय अधिकारी व संबंधित अधिकारियों को लेटर प्रेषित कर मांग किया है।
देश मे कोरोना महामारी के प्रकोप से लोगों में त्राही-त्राही मचा है, गरीब परिवार एक-एक पैसा के लिए परेशान है, मजदूर लोग लॉक डाउन में घर खर्च चलाने स्थिती में नही है।
ऐसे स्थिती में ग्रामीण अंचल मे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीणों ने काम किया है, और एक साथ सभी मजदूरों का एफटीओ होने के बाद भी, पैसा अभी तक नही मिला है, जिससे उनका परिवार चलाना बहुत ही मुश्किल हो गया है।
देवांगन ने मोदी सरकार पर हमला करते हुवे कहा कि केंद्र सरकार के इस सत्र 1 अप्रेल से नया नियम लागू होने के कारण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगो के खाता में पैसा नही आ रहे है, ऐसे स्थिति में श्रमिक आखिर क्या करे,
सरकार तो मनरेगा के तहत मजदूरों से काम करा लिया है, साथ मे ही काम करने वाले अन्य लोगो पैसा भी मिल गये है,
इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भाइयों और बहनों को पैसा न मिलने से इस वर्ग विशेष में काफी नाराजगी है,
देवांगन ने तीखे प्रहार करते हुवे आगे कहा कि इस फरमान से केंद्र सरकार देश के लोगो बाटने का काम कर रहे,
केंद्र के हिटलरशाही नये फरमान को वापस ले, व पूर्व के नियम को यथावत रखने की मांग किये है, जिसे श्रमिको में मजदूरी भुगतान में एकरूपता ला सके,
पूर्व में एक साथ काम, एक साथ एफटीओ, और एक साथ मजदूरों का राशि के भुगतान हो रहे थे।
जिसे मजदूरी भुगतान में कोई दिक्कत नही होता था।