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मनरेगा योजनांतर्गत 10 हितग्राहियों को 27 लाख से अधिक की स्वीकृति

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

मनरेगा योजनांतर्गत 10 हितग्राहियों को 27 लाख से अधिक की स्वीकृति, जनजातीय गौरव वर्ष में “धरती आबा अभियान” से ग्रामीणों को मिला संबल

खैरागढ़ 22 जून 2025 // जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत “धरती आबा जनभागीदारी अभियान” के तहत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में विकासपरक शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत नचनिया में इस ब्लॉक का प्रथम शिविर आयोजित किया गया।

शिविर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत हितग्राही मूलक कार्यों की स्वीकृति दी गई। कार्यक्रम में जनपद क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती हेमलता मंडावी द्वारा 10 हितग्राहियों को कुल 27.088 लाख रुपये की लागत से डबरी (कृषि तालाब) एवं कुआं निर्माण की स्वीकृति दी गई।

योजनाओं का लाभ पाकर खिले चेहरे

शिविर में स्वीकृति आदेश पाकर ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक उठी। हितग्राही  घासीराम धुर्वे ने बताया कि –

“अब सिंचाई के लिए केवल बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। डबरी निर्माण से मत्स्य पालन जैसे स्थायी आय के साधन भी उपलब्ध होंगे। इससे हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार उन्हें ऐसा अनुभव हो रहा है कि सरकार की योजनाएं वास्तव में जमीनी स्तर तक पहुँच रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि धरती आबा अभियान के माध्यम से मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र लोगों तक पहुँच रहा है, जिससे समुदाय सशक्त हो रहा है।

शिविर में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर साल्हेवारा क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य  हेमलता मंडावी, जनपद सदस्य प्रतिनिधि  पवार मेरावी, ग्राम पंचायत नचनिया की सरपंच  तारा अश्वन धुर्वे, पंचगण, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी, सचिव, रोजगार सहायक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

जनजातीय विकास की दिशा में सार्थक पहल

धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत शासन का उद्देश्य है कि जनजातीय समुदायों को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर सशक्त बनाया जाए। इसके अंतर्गत जिले के 15 चिन्हित गांवों में सघन प्रचार-प्रसार करते हुए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें शासन की योजनाओं की जानकारी, आवेदन की प्रक्रिया और स्वीकृति का कार्य त्वरित रूप से किया जा रहा है।

शिविर में बड़ी संख्या में जनजातीय वर्ग के लोगों ने भाग लेकर योजनाओं की जानकारी प्राप्त की और कई ने आवेदन भी प्रस्तुत किए। शासन-प्रशासन के इस प्रयास से जनजातीय वर्ग में विश्वास और जागरूकता बढ़ रही है।

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