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Amphan Cyclone: मौसम विभाग ने दी ताजा जानकारी, 18 मई सुबह तक लेगा भयानक रूप

Amphan Cyclone latest news
Image Source : @TWITTER

नई दिल्ली। भारत मौसम विभाग ने रविवार को चक्रवाती तूफान अम्फान को लेकर ताजा जानकारी साझा की है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवाती तूफान अम्फान ने पिछले 6 घंटों में दक्षिणपूर्वी बंगाल की खाड़ी और पड़ोस के इलाकों से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उत्तर-उत्तरपश्चिमी इलाकों की तरफ रुख कर और भयानक रूप ले लिया है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पिछले 6 घंटे से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भाग और आसपास के क्षेत्रों के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब तूफान अम्फान का रूप ले चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान 17 से 20 मई तक राज्य में रहेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक, इससे पहले जानकारी दी थी कि अगले 12 घंटों के दौरान बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी और पड़ोस में तीव्र चक्रवाती तूफान अम्फान आने की संभावना है, ये चक्रवात कल सुबह यानी 18 मई (सोमवार) तक भयानक रूप ले लेगा।  जानकारी के मुताबिक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यह तूफान भारी तबाही मचा सकता है। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं।

Amphan Cyclone in india

Amphan Cyclone in india

राज्य सरकार ने की ट्रेनें रोकने की मांग

ओडिशा में कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इसको लेकर आगाह किया है। ओडिशा सरकार ने मांग की है कि राज्य से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को रोक दिया जाए।

200 किमी/घंटे की रफ्तार से चल सकती है हवा

राज्य सरकार ने ओडिशा आपदा राहत बल (ओडीआरएफ), एनडीआरएफ और दमकल विभाग को सतर्क रहने के लिए निर्देश जारी किए हैं। आशंका जताई जा रही है कि चक्रवात के दौरान 19 मई तक हवा की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा की हो सकती है। इसकी वजह से ओडिशा, बंगाल में दो दिनों तक भारी बारिश भी होगी। 20 मई तक यह दोनों राज्यों को पार करेगा। बीते शनिवार शाम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की।

ऐसे रखा जाता है तूफानों के नाम

तूफानों का नाम रखने की भी अपनी एक अलग दिलचस्प कहानी है। भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में 169 नामों की लिस्ट जारी की है जो आने वाले समय में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तूफानों को दिए जा सकते हैं। तूफानों के नाम रखने की मुख्य वजह है कि इनको लेकर आम लोग और वैज्ञानिक स्पष्ट रह सकें। आप भी जानिए कि आखिर इन तूफानों का नामकरण यानी नाम कैसे रखा जाता है?

तूफानों का नाम रखने की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के मौसम विभाग की ही होती है जहां से तूफान शुरू होता है। दुनिया में 6 रीजनल स्पेशलाइजड मेट्रोलॉजिकल सेंटर हैं। इसमें से भारत का मौसम विभाग (IMD) एक है। बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में उठनेवाले तूफानों के नाम की जिम्मेदारी भारत की ही है। अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों के नामकरण की शुरुआत 1953 की एक संधि से हुई। 

हालांकि, हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था 2004 में शुरू की। इन आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। 2018 में इसमें ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन को भी जोड़ा गया। मौसम विभाग ने तूफानों के लिए 169 नाम पिछले महीने फाइनल किए हैं। इसमें सभी 13 देशों से 13 नाम शामिल हैं। अम्फान पिछली लिस्ट में भी था, लेकिन तब इसका इस्तेमाल नहीं हुआ था तो इसलिए इसका इस्तेमाल अब किया गया है। काफी चर्चा में रहे तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने, नानुक का म्यांमार ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने और हाल में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान ‘तितली’ का नाम पाकिस्तान द्वारा दिया गया है।

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