कोरोना पर महानायक अमिताभ बच्चन ने पूछे CM भूपेश से सवाल, स्वास्थ्य-स्वच्छता और पर्यावरण को लेकर कही ये बात

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर एक चैनल के द्वारा आयोजित ‘बनेगा स्वस्थ इंडिया’ लाईव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान कोरोना,स्वास्थ्य-स्वच्छता और पर्यावरण पर महानायक अमिताभ बच्चन ने सीएम भूपेश से सवाल किए। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुपोषण अभियान, हाट-बाजार क्लिनिक योजना, सुराजी गांव योजना तथा वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रही है।
अमिताभ बच्चन ने मुख्यमंत्री से पूछा कि लॉकडाउन खुलने के बाद छत्तीसगढ़ में 300 फीसदी कोरोना के मरीज बढ़े हैं। इसका कारण क्या है? इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि लॉकडाउन के समय सरकार ने कई कदम उठाए। राज्य की सीमाएं सील की गई। जो विदेशों से आए उनकी पहचान की। इससे संक्रमित 3 फीसदी पर ले आए।
होम आइसोलेशन से फायदा, अस्पताल में लोग अकेला महसूस करते हैं
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ की सीमा 7 राज्यों से जुड़ी हुई है। बहुत बड़ा इलाका नक्सल से प्रभावित है। लॉकडाउन खुलने के बाद बाहर से लोग आए। ट्रेन, बस और फ्लाइट शुरू हुई। जवान भी लौटे। इससे संक्रमण बढ़ा। हालांकि वे अब लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। कहा, लोग अस्पताल में अकेला महसूस करते हैं। परिजन भी मरीजों से मिल नहीं सकते।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसे देखते हुए होम आइसोलेशन की शुरूआत की है। इसका लाभ लोग ले रहे हैं। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी नहीं है, वे परिवार के साथ रहकर स्वस्थ हो रहे हैं। इनकी बड़ी संख्या है। हम घर-घर दवाइयां बांट रहे हैं। कॉल सेंटर के जरिए डॉक्टर लगातार संपर्क में हैं। उनको सही सुझाव दे रहे हैं। हमारे यहां संक्रमित की संख्या 31 हजार है।
रोज 16 हजार टन कचरे का निपटारा, स्वच्छ दीक्षा योजना
इसके बाद अमिताभ बच्चन ने छत्तीसगढ़ के स्वच्छता अभियान सफलता को लेकर सवाल किया। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण तीनों एक साथ जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ में 10 हजार महिला समूह लगातार काम कर रही हैं। हम 16 हजार टन कचरे का रोज निपटारा करते हैं। इसी सफाई व्यवस्था के चलते देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
20 लाख की राशि का भुगतान हुआ
उन्होंनेबताया कि स्वच्छता के लिए नरवा, गरवा, घुरवा व बाड़ी, गोधन और स्वच्छ दीक्षा योजना शुरू की है। दीक्षा योजना के तहत कई राज्य और नेपाल व भूटान की टीम ने भी प्रशिक्षण लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, पेट्रोल-डीजल के अनावश्यक खर्च को बचाने के लिए ई-रिक्शा से कचरे का परिवहन किया जा रहा है। अब तक 11 लाख क्विंटल गोबर एकत्र किया गया और 20 लाख की राशि का भुगतान हुआ है।
आय बढ़ाने और पर्यावरण के लिए फलदार पौधे लगाए जा रहे
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 44 % जंगल है। देश को आॅक्सीजन देने में इसका 17 फीसदी योगदान है। पौधरोपण में फलदार पेड़ों को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय के साधन मिलेगा। पहले राज्य में 37.7 प्रतिशत (5 लाख) बच्चे कुपोषित थे। पिछले साल गांधी जयंती पर सुपोषण योजना की शुरूआत की। इससे 68 हजार बच्चे बाहर आ गए। हाट बाजार क्लीनिक योजना शुरू की है।
राज्य में 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि राज्य में 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने के लिए बीते वर्ष 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी। मुझे यह बताते हुए प्रसन्न्ता हो रही है कि इस योजना से एक वर्ष में ही राज्य के 5 लाख कुपोषित बच्चों में से 68 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। जो कि लगभग 13 प्रतिशत हैं।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना क्लीनिक के तहत वनांचलों में मेडिकल टीम प्रत्येक हाट-बाजार में जाकर सेवाएं दे रही हैं। कोरोना संकट के इस दौर से पूर्व तक 26 हजार चिकित्सा कैम्पों का आयोजन इस योजना के अंतर्गत किया गया, जिससे लगभग 8 लाख लोग लाभन्वित हुए हैं। इस प्रकार राज्य सरकार स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनवरत कार्य कर रही है।