नहीं मिली एंबुलेंस, ट्रैक्टर-ट्राली में शव लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन
Chhattisgarh न्यूज़ रायगढ़ : शहरी क्षेत्र में एक बार फिर से मानवता शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। वहीं परिजनों का कहना था कि शव को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुलिस की ओर से साधन की व्यवस्था नहीं होने पर मजबूरी वश ट्राली में लोड कर अस्पताल लाना पड़ा
शहरी क्षेत्र में एक बार फिर से मानवता शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। वहीं परिजनों का कहना था कि शव को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुलिस की ओर से साधन की व्यवस्था नहीं होने पर मजबूरीवश ट्राली में लोड कर अस्पताल लाना पड़ा। जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम उर्दना स्थित वार्ड क्रमांक 46 निवासी अजीत उरांव पिता मांडरो राम उरांव (38 वर्ष) ट्रैक्टर चला कर परिवार का भरण-पोषण करता था।
दो साल पहले किसी बात को लेकर उसकी पत्नी से विवाद हुई तो वह उसे छोडकर मायके चली गई, तब से अजीत परेशान रहता था। वह बीते 12 फरवरी को अचानक घर से गायब हो गया। शाम तक वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। बुधवार की सुबह करीब 6.30 बजे उसी गांव के रामसिंह उरांव ने उसके परिजनों को बताया कि अजीत का शव उसकी बाड़ी स्थित कुएं में पड़ी है। ऐसे में परिजन तत्काल मौके पर पहुंचे। वहीं इसकी सूचना पुलिस को दी।
मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकलवाया। साथ ही पंचनामा दर्ज कर शव को अस्पताल भेजने कहा। वाहन की मांग की गई तो पुलिस का कहना था कि एंबुलेंस खाली नहीं है। किसी तरह शव को अस्पताल पहुंचाओ। ऐसे में परिजनों ने गांव के ही एक ट्रैक्टर को किराए में लेकर ट्राली में शव रखकर अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया है। वहीं किन कारणों से उसका मौत हुई है। इसका खुलासा नहीं हो सका है। इसके लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
क्या कहते हैं परिजन
इस संबंध में परिजनों का कहना था कि अजीत उरांव की लाश कुंआ में मिलने के बाद उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुलिस से वाहन की मांग की गई, लेकिन उनका कहना था कि कोई भी वाहन खाली नहीं है। ऐसे में खुद के वाहन से ही शव को अस्पताल तक भेजना होगा। ऐसे में उनके द्वारा गांव में ट्रैक्टर-ट्राली ही एक साधन था, जिससे उसमें रखकर अस्पताल लाया गया है।
अस्पताल में खाली खड़ी रही एंबुलेंस
शासन के द्वारा शव वाहन के रूप में मुक्तिाजंलि चलाई जाती है। इस वाहन से शव को अस्पताल से लेकर घर तक लेकर जाते हैं। वहीं घटना स्थल से शव को अस्पताल तक भी लाया जाता है। जिला अस्पताल में दो मुक्ताजंलि अस्पताल में ही खड़ी रही
पुलिस को वाहन के लिए नहीं कहा गया था। मृतक ट्रैक्टर चालक था तो उसके परिजन गांव से ही ट्रैक्टर की व्यवस्था कर उसके शव को अस्पताल लाए थे। -शनिप रात्रे, थाना प्रभारी कोतवाली