शासकीय हाई स्कूल बैरख वि.ख.बोड़ला जिला कबीरधाम द्वारा- “आमाराइट” ग्रीष्मकालीन प्रायोजना विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया गया।

शासकीय हाई स्कूल बैरख वि.ख.बोड़ला जिला कबीरधाम द्वारा – “आमाराइट” ग्रीष्मकालीन प्रायोजना विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया गया ।

बोड़ला : शासकीय हाई स्कूल बैरख के प्राचार्य सोहन कुमार यादव का जनसहयोग की भावना को जागृत करने मंशानुरूप लगातार कार्य कर रहे हैं।
कोरोना महामारी में 15 महीने से बंद पड़े स्कूलों के कारण बच्चों की प्रभावित हुई। शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की पहल पर आमाराइट के नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। उच्च कार्यालय के आदेशानुसार शासकीय हाई स्कूल बैरख प्राचार्य सोहन कुमार यादव एवं प्रधान पाठक तीजराम विश्वकर्मा द्वारा कक्षा छठवीं से दसवीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को “आमाराइट” ग्रीष्मकालीन प्रायोजना घर-घर जाकर उपलब्ध कराया। वनांचल क्षेत्र में एंड्राइड मोबाइल नहीं है इस वजह से प्रायोजना विद्यार्थियों को घर-घर उपलब्ध कराते हुए संस्था प्राचार्य ने विद्यार्थियों को हल कैसे करना है एवं ग्रीष्मकालीन अवकाश का सदुपयोग अध्यापन कार्य में करना है कहा, कोरोना महामारी में इस वर्ष भी वर्तमान समय में विद्यालय बंद है। अतः आप लोग कोरोना महामारी के गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क लगाकर, दो गज की दूरी एवं हाथ धुलाई के नियमों को पालन करते हुए अध्यापन कार्य घर में ही करें । 30 जून तक पूर्ण कर उचित माध्यम द्वारा विद्यालय में जमा किया जायेगा एवं शिक्षकों के द्वारा मूल्यांकन कर ए,बी,सी श्रेणी प्रदान कर अगले सत्र के आंतरिक मूल्यांकन पर अंकसूची/प्रगति पत्रक में अंकित भी किया जायेगा।आज प्रायोजना बैरख, नेवराटोला, शक्ति पानी एवं ढोलबज्जा के दूरस्थ गाँवों के विद्यार्थियों को वितरित कर समझाया गया।
शासकीय हाई स्कूल बैरख के प्राचार्य सोहन कुमार यादव ने बताया कि आमाराइट को लेकर क्षेत्र के बच्चों में काफी उत्साह एवं सक्रियता देखी जा रही है। आनलाइन शिक्षण की सुचारू व्यवस्था नहीं होने से आफलाइन मोड में ज्यादातर बच्चे प्रोजेक्ट कार्य को पूरा कर रहे हैं। इन गतिविधियों में खेल तथा मनोरंजन होने से आमाराइट प्रोजेक्ट बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा है। अपने आस-पास के वातावरण, गतिविधियों तथा सामान्य ज्ञान के व्यवहारिक प्रश्न होने से बच्चों की इस कार्य के प्रति चि सहज रूप से दिख रही है।इस नवाचार के जरिये बच्चों की रूकी हुई शिक्षा को फिर से गति देने में सफलता हासिल हो रही है।
आमाराइट प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से क्रियान्वय हेतु संस्था प्राचार्य सोहन कुमार यादव एवं प्रधान पाठक तीजराम विश्वकर्मा द्वारा आमाराइट ग्रीष्मकालीन प्रायोजना उपलब्ध कराया गया।


