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सरकार और भू-माफियाओं की मिलीभगत का खामियाजा भुगत रही है जनता – अमर अग्रवाल

ग्राम राजाकांपा में हुई किसान की आत्महत्या को बताया दुर्भाग्यजनक

बिलासपुर। तखतपुर क्षेत्र के गरीब किसान द्वारा पटवारी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की घटना से पूरे प्रदेश में भूपेश सरकार के कार्यप्रणाली की सच्चाई आखिर सामने आ ही गई। उक्त आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि, तखतपुर क्षेत्र के राजाकांपा के किसान छोटूराम कैवर्त द्वारा विवश होकर आत्महत्या करने पर गहरा दुःख व्यक्त किया तथा सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कुछ दिन पूर्व श्री अग्रवाल ने अपने फेसबुक लाईव कार्यक्रम में राजस्व विभाग के आला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा सरकार की मिलीभगत एवं संरक्षण के चलते जमीनों के बंदरबांट पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्वयं कलेक्ट्रोरेट का घेराव करने की बात कही थी तथा बंदरबाट में लिप्त अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन से कड़ी कार्यवाही की मांग की थी, जिसे कलेक्टर महोदय ने गंभीरतापूर्वक स्वीकार्य करते हुए, इस प्रकरण पर जांच बैठाकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की बात कहीं थी। लेकिन राजस्व विभाग के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसका परिणाम सामने आया कि, पटवारी द्वारा किसान से खुलेआम रिश्वत की मांग करते हुए गरीब किसान को लगातार घुमाते रहा आखरी में विवश होकर गरीब किसान ने आत्महत्या कर ली। श्री अग्रवाल ने कहा कि, न जाने और कितने किसानो के साथ साथ आम नागरिक भी राजस्व विभाग, तहसील कार्यालय, पटवारी, आरआई के चक्कर लगा लगाकर थक चुके है। लोगो के जमीनों एवं अन्य प्रकरणों के काम जानबुझकर लटकाए जा रहे है तथा खुले आम काम के एवज में पैसो की मांग की जा रही है। सरकार के नेता, मंत्री सबकी भूमिका संदिग्ध है। श्री अग्रवाल ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर प्रदेश में इस प्रकार के चल रहे खुलेआम भ्रष्टचार शीघ्र बंद नहीं हुए, तो भारतीय जनता पार्टी को सड़क की लडाई लडने हेतु मजबुर होना होगा।   श्री अग्रवाल ने अपने ट्वीटर एकाउन्ट में ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में शुक्रवार की सुबह तखतपुर के ग्राम राजाकांपा में जमीन की रजिस्ट्री मामले में पटवारी की प्रताड़ना से तंग होकर कृषक भाई छोटू राम कैवर्त ने अपनी ही बाड़ी में भ्रष्टाचार की सूली में खुद को बलिदान कर दिया। ईश्वर मृतात्मा को शांति प्रदान करें‘‘ साथ ही उन्होंने यह भी ट्वीट किया है कि, ‘‘राज्य में पिछले 11 महीनों में 150 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है, किसान के अगुआ बनने वाले भूपेश सरकार के कार्यकाल में 440 किसानों ने मौत को गले लगा दिया है।‘‘ 

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