पी.एम. श्री विद्यालय बनने के बाद लालपुर शाला में आया विकास का नया सवेरा


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी
खैरागढ़, 6 नवम्बर 2025//
वर्ष 1962 से संचालित शासकीय प्राथमिक शाला लालपुर आज विकास का प्रतीक बन चुकी है। पहले जहां भवन जर्जर था और सुविधाओं का अभाव था, वहीं अब यह शाला आधुनिक संसाधनों और आकर्षक वातावरण से परिपूर्ण है। यह परिवर्तन संभव हुआ है पी.एम. श्री विद्यालय योजना के अंतर्गत विद्यालय के चयन से, जिसने लालपुर के शिक्षा जगत को नई दिशा दी है।

सुविधाओं के साथ शिक्षा का नया वातावरण
पी.एम. श्री शाला के रूप में चयन के बाद विद्यालय में मुख्यमंत्री शाला जतन योजना से भवन मरम्मत की गई। अब कक्षाएं रंगीन, स्वच्छ और प्रिंट रिच सामग्री से सुसज्जित हैं, जो बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाती हैं।
शाला में डिजिटल कक्षाओं की शुरुआत की गई है, जहां टीवी और साउंड सिस्टम के माध्यम से बच्चों को नवीन पद्धति से अध्यापन कराया जा रहा है।
स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था
विद्यालय परिसर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। गीले और सूखे कचरे के लिए कम्पोस्ट गड्ढे, जगह-जगह डस्टबिन, और आर.ओ. सिस्टम की सुविधा ने बच्चों को स्वच्छ पेयजल और साफ वातावरण उपलब्ध कराया है।
शौचालयों में रनिंग वाटर और हैंडवॉश यूनिट लगाई गई है। बालिका शौचालय का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है।
हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
विद्यालय परिसर के चारों ओर तार फेंसिंग की गई है ताकि पौधों और परिसर की सुरक्षा बनी रहे। बागवानी के लिए क्यारियाँ और गमले लगाए गए हैं। सांसद प्रतिनिधि के प्रयासों से शाला में अहाता निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हुई है, जिससे परिसर का सौंदर्य और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगे।
संस्कृति और सृजनशीलता का संगम

बच्चों को अब म्यूज़िक इंस्ट्रूमेंट्स की सुविधा उपलब्ध है, जिससे वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। प्रार्थना सभा में भी संगीत के साथ वातावरण मधुर और प्रेरणादायी बन गया है।
समर कैंप जैसे आयोजन बच्चों की प्रतिभा और सर्वांगीण विकास का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
स्वच्छ रसोई और पोषण पर जोर
शाला के किचन शेड का पूर्ण मरम्मत कार्य किया गया है। अब गैस से भोजन बनाया जा रहा है जिससे विद्यालय पूरी तरह धुआँ रहित हो गया है। इससे मिड-डे मील की गुणवत्ता और रसोई का वातावरण दोनों बेहतर हुए हैं।
बढ़ी विद्यार्थियों की संख्या और नियमित उपस्थिति
पी.एम. श्री विद्यालय बनने के बाद बच्चों में विद्यालय के प्रति आकर्षण बढ़ा है। वर्ष 2023 में जहाँ विद्यार्थियों की संख्या 56 थी, वहीं अब यह बढ़कर 80 हो गई है। बच्चे नियमित रूप से शाला आने लगे हैं और पालकों की सहभागिता में भी वृद्धि हुई है।
सामुदायिक सहयोग से बढ़ा आत्मविश्वास
शाला के विकास में स्थानीय जनप्रतिनिधि, वार्डवासी, पालक और शिक्षा विभाग के अधिकारी निरंतर सहयोग कर रहे हैं। जिलाधीश, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, राज्य एवं जिला नोडल अधिकारी, बी.आर.सी. और सी.ए.सी. के मार्गदर्शन से विद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है।
प्रधान पाठिका श्रीमती प्रेरणा सिंह ने बताया कि —
“पी.एम. श्री विद्यालय बनने के बाद शाला का सर्वांगीण विकास हुआ है। अब बच्चे न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि खेलकूद, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में भी सक्रिय भाग ले रहे हैं। यह विद्यालय अब पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन चुका है।”


