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ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर विरोध पर बोले DPI …? ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर शिक्षकों पर किसी तरह का दवाब नहीं

बलरामपुर। कारोना काल में राज्य सरकार बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए आनलाइन के साथ-साथ आफलाइन क्लास पर भी जोर दे रही है। राज्य में आफलाइन क्लास के लिए शिक्षा विभाग ने दो-तीन नये तरीकों के इस्तेमाल की इजाजत दी है। हालांकि शिक्षक संगठनों की तरफ से लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है। वहीं डीपीआई जितेंद्र शुक्ला ने साफ कहा है कि वैकल्पिक पढ़ाई के लिए जो गाइडलाइन जारी की गयी है, वो पूरी तरह से स्वैच्छिक हैं। किसी भी शिक्षक पर कोई दवाब नहीं है, जो स्वेच्छा से इस संकटकाल में सहयोग देने को तैयार है, सिर्फ उन्हें ही योगदान देने को कहा गया है।

दरअसल प्रदेश के कई जिलों से लगातार वैकल्पिक पढ़ाई मसलन लाउडस्पीकर और ब्लूट्रूथ जैसे माध्यमों से पढ़ाई को लेकर शिक्षक संगठन विरोध जता रहे हैं। पिछले दिनों बलरामपुर-वाड्रफनगर से डीईओ के जारी हुए निर्देशों का भी टीचर्स एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने विरोध किया। दरअसल उस आदेश में बच्चों को आफलाइन पढ़ाई के दौरान सुरक्षा मानकों को लेकर निर्देश दिये गये थे, साथ ही इस बात की भी हिदायत दी गयी थी कि जो भी शिक्षक इसका पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आदेश में कहा गया है कि …

“आनलाइन क्लास से वंचित बच्चों के लिए आफलाइन माध्यम जैसे लाउडस्पीकर क्लास आदि का संचालन किया जा रहा है। निर्देश के बावजूद कतिपय शिक्षक के द्वारा कक्षाओं का संचालन असुरक्षित व जन समुदाय के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों का इस तरह का कृत्य क्षम्य नहीं है।  सभी जन समुदाय सरपंच, पंच की सहमति के आधार पर कक्षा का संचालन करेंगे। अत: आप इन कक्षाओं का संचालन हेतु जन समुदाय , प्रबुद्ध नागरिकों के सहयोग एवं असुरक्षित जगह, खर पतवार, नदी, कुंआ और दीवार के आसपास कक्षा संचालित ना किया जाये। शिक्षकों को इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दें, निर्देश के बावजूद अगर कोई शिक्षक इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी”

इस आदेश को लेकर कई जगहों पर विरोध शुरू हो गया है। टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि …

“आदेश का विरोध इसलिए क्योंकि विभाग ने पूरी जिम्मेदारी शिक्षकों पर ही डाल दी है, शिक्षकों पर निचले स्तर के अफसर लगातार दवाब बना रहे हैं कि वो बच्चों को पढ़ायें और जब शिक्षक पढ़ाने जाते हैं तो उन जगहों के नियम-कायदों को लेकर शिक्षकों पर ही ठिकरा फोड़ दिया जाता है। दिशा-निर्देश का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उसमें जिस तरह की शब्दावली के प्रयोग कर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है, वो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा”

इस मामले में डीपीआई जितेंद्र शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि आफलाइन पढ़ाई को लेकर शिक्षकों पर किसी तरह का दवाब नहीं है, ये पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि..

“राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी शिक्षक पर इसके लिए कोई दवाब नहीं है, प्रमुख सचिव सर ने पहले ही इस बात को लेकर कह दिया है कि जो भी शिक्षक स्वेच्छा के साथ इस कार्य में आना चाहते हैं, वो कार्य कर सकते हैं। कोरोना संक्रमण के बचाव के साथ पढ़ाई सुनिश्चित होनी चाहिये, अधिकारियों को इसके लिए जानकारी दे दी गयी है, कुछ जिलों से शिक्षकों को दवाबपूर्वक पढ़ाई की जानकारी मिली थी, उस पर हमलोगों ने उन्हें ऐसा नहीं करने को कहा है”

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