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,,,,भीख में मिली आजादी कहना शहीदों का अपमान,,,,वो कौन थे जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी शहादत दी

छत्रपाल ठाकुर की कलम से,,,,
भारत अपने आप में एक आत्म निर्भर देश है,,,आज भारत अपने आप में आत्म निर्भर देश है विश्व के पटल पर शक्तिशाली और विकासशील देश के रूप में अपने आप को प्रस्तुत किया है देश को इस मुकाम तक पहुचाने में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है इतिहास गवाह है अंग्रेजों ने भारत को खूब लुटा है अंग्रेजों ने भारत छोड़ा आजाद भारत पूरी तरह से बिखरा हुआ था आजादी के बाद भी राजतन्त्र हावी था फिर भी उस समय के देश भक्त लोगों ने भारत को एक प्रजा तन्त्र देश बनाने का दृण संकल्प लिया भारतीय सविधान का निर्माण हुआ जिसके जनक बाबा साहब अम्बेडकर थे उस समय भारत को लोकतंत्र की इस्थापना में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि राजतन्त्र में लोकतंत्र की कल्पना ही बेमानी थी

मुगल शासन को भारत के हिंदुओं ने झेला हालांकि कभी भी मुगल पूरी तरह हिंदुस्तान में राज नही कर पाए चूंकि दिल्ली को मुगलों ने सेंट्रलाइज किया हुआ था ऐसी हवा उड़ा दिया गया कि जो भी दिल्ली पर अपना परचम लहराएगा तख्तो ताज उसी के सर पर होगा शहनसा माना जायेगा हिन्दू राजा कभी पूरी तरह मुगलों के गुलाम नही रहे।

मुगल जब भारत में आये तब राजतन्त्र था पूरा भारत रजवाड़े के हिसाब से था उस समय टुकड़ों में शासन हो रहा था जितने राजा थे सबने अपना अपना कानून बनाया था। मुगलों ने हिन्दू राजाओं और उनके प्रजा पर असहनीय अत्याचार किया।जिन राजाओं ने मुगलों के सामने समर्पण किया वो मुगल शासक के शर्तों पर जी रहे थे लेकिन जिस हिन्दू राजा ने गुलामी स्वीकार नही किया उसने मुगल शासक से युद्ध करके एक अच्छे वीर योद्धा और अपने प्रजा के रक्षा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करके वीर गति को प्राप्त हुए।महाराणा प्रताप जैसे राजाओं ने तो युद्ध मे मुगलों के दांत खट्टे कर दिए शिवा जी महाराज,,शम्भा जी महाराज,सदाशिव राव,,राजा रतन सिंह जैसे राजाओं का नाम भारत के इतिहास में अमर रहेगा।सोचिये अगर सारे हिन्दू राजा एक होते तो न हमारे पूर्वज मुगलों के गुलाम होते न अंग्रेजों के और न ही दुनिया के नक्से पर पाकिस्तान नाम का कोई देश होता।लेकिन ये भी सच है हर इतिहास के पीछे एक बड़ा नामचीन चेहरा होता है जिसकी कुर्बानी इतिहास के पन्नों पर सदा के लिए अंकित हो जाता है जिसे याद करके आने वाली पीढ़ी सिख लेती है जब तक ये जहां रहेगा हम इन वीरों की यादें अपने दिल में सँजोये रहेंगे

मुगलिया शासन समापन कि ओर था पूर्व में आयातित मुसलमानों ने हमारे भारत के अधिकांश खजाने लूट लिए फिर भी भारत सोने की चिड़िया

कहलाती थी धीरे धीरे मुगल साम्राज्य का अंत होने लगा अवर्नगजेब के बाद कोई भी शासक कट्टर नही रहा इस्थिति धीरे धीरे सामान्य होने लगा कहीं कहि छुटपुट लडाई होती रही हिन्दू और मुसलमान शासक अपना अपना साम्राज्य चलाने में ब्यस्त हो गए कुछ शासक तो राजशाही मनोरंजन में ब्यस्त हो गए इसी बीच इस्टइंडिया कम्पनी लेकर गोर आये उन्होंने भारतीय राजाओं को सब्जबाग दिखाया और हिन्दू मुस्लिम राजाओं की मानसिकता पढ़ लिया और। फिर शुरू हुआ हिंदुस्तान का दूसरा पतन फुट डालो राज करो कि नीति गोरों ने चालू की ओर पूरी तरह सफल हो गए इतना सबकुछ होने के बाद भी गद्दार बचे हुए थे उनकी सत्ता लोलुपता ने एक बार फिर भारत को गुलाम होने पर मजबूर कर दिया अंग्रेजों के कुचक्र में राजा फसते गए ।अंग्रेजों ने क्रूरता का एक बड़ा इतिहास रच दिया जो दिल दहलाने वाला था

1857 का गदर ,जलियाँ वाला बाग अंग्रेजों के क्रूरता की कहानी कहता है जबतक दुनिया रहेगी हम भारतीय भारत के उन सपूतों के बलिदान का कर्ज नही चुका पाएंगे जिनकी बदौलत आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं प्रमुख रूप से वो 15 लोग जिन्हें सारा देश तहे दिल से शलाम करता है,,मंगल पांडे, वीरांगना लक्ष्मी बाई,,सुभाष चंद बोस,,भगत सिंग,,चन्द्र शेखर आजाद,,बिस्मिल,,असफाक उल्ला खान,,महात्मा गांधी,,

खुदी राम बोस,,सुखदेव थापर, लक्ष्मी शहगल,,भीका जी कामा,,गुलाब कौर,, बाल गंगाधर तिलक, किट्टूर रानी चिनम्मा,

पंडित जवाहर लाल नेहरू जो 35 शाल तक महात्मा गांधी के साथ अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में जुड़े रहे 9 साल जेल में बिताया

कुछ और भी शहीद हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नो पर अंकित नही है जिनकी शहादत को छेत्र वासी आज भी शिद्दत से शलाम करते हैं
बाजी राउत,,12 साल के उम्म्र में शहीद हुए अंग्रेजों ने गोली मारदी
बसन्त विस्वास,,1915 अम्बाला जेल में फांसी
भाई बाल मुकुंद,,,लाहौर लारेंस गार्डन अंग्रेजों पर हमला फांसी की सजा
हेमू कालानी,,1943 में फांसी
बाबू गेनू,,22 साल की उम्र में शहीद
वीरांगना कनक लता बरुवा,,1942 में गोली मार दी गई
हाइपो जादो नांग,,1931 में फांसी
कनगनती हेमन्तु,,,अंग्रेजों ने गोली मार दी
करतार सिंह सराभा,,1915 सजाए मौत
कुशल कुमार,,गुवाहाटी में फांसी दी गई
मनीराम दीवान,,असम 1857 जोरहट जेल में फांसी दी गई
मास्टरशिरिस कुमार,,15 साल की उम्र में शहीद हो गए
वीरांगना मतांगनी हाजरा,,अंग्रेजों के गोली का शिकार हुई
सागर मल गोपा,,इन्हें अंग्रेजों ने बरगद के पेड़ पर फांसी दी
शहीद वीर नारायण सिंह,, छत्तीसगढ़ 10 दिसम्बर 1857 तोप से उड़ा दिया गया और ये वीर सपूत सहीद हो गए
जो सच्चे भारतीय हैं उनको सोचना होगा क्या हम हम इन शहीदों के सहादत का कर्ज सही ढंग से अदा कर पा रहे है क्या हमने जिन नेताओं का राज तिलक किया है जनके हाथों अपना और अपने देश का भविष्य सौपा हैं क्या आज वो सही कर रहे हैं लाखों वीर सपूतों ने अपनी जान देदी क्या उन्होंने ऐसे ही भारत का सपना देखा था जहाँ मानवता शर्मसार हो रहा है। मंहगाई चरम पर,,बेरोजगारी,,से युवक परेशान किशान अपने ही देश। मे अपने ही शासक के खिलाफ आंदोलन कर रहा है देश में गंगा जमुनी तहजीब समापन की ओर है लोगों को जाती और धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है क्या अंग्रेजो ने सिर्फ हिंदुओं को ही गुलाम बनाया था क्या मुसलमानों ने गुलामी का दर्द बर्दास्त नही किया आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ उसी समय तय हो गया भारत में रहने का फैसला जिन्होंने लिये वो।भारतीय हैं चाहे वो किसी भी जाति धर्म के हों और अब फैसले की घड़ी है भारत के हिन्दू और मुसलमानों को तय करना है कि वो पहले भारतीय हैं या हिन्दू मुसलमान दोनों कौम के लोग तय कर ले कि जो मानवता छोड़ कर कट्टरपंथी की बात करे उसे जुबानी जूते मारे ।देश की एकता और अखंडता तभी कायम रहेगी अन्यथा विनाश तय है ये सच है ये राम कृष्ण का देश है और रहेगा भारत की पहचान सब के आराध्य राम ,,कृष्ण से ही है राम और कृष्ण किसी के बाप की प्रॉपर्टी नही हैं वो सभी के हैं ईस लोक का बंटवारा हो सकता है लेकिन परलोक का नही धर्म के आड़ में राजनीति करने वालों को सबक सिखाइये

इसके बाद भी लोग बेशर्मी से कहते है कि भारत को आजादी भीख में मिली है वो भी आयसि महिला जिसका अपना कोई देश हित में सशक्त बैक ग्राउंड नही है एक नाचने वाली अदाकारा है जिसका काम ज्यादातर मनगढ़ंत कहानियों को अपनी अदायगी से सच दिखाने का कोशिस करना है इसलिए उसे पता ही नही की देश कैसे आजाद हुआ भारत के इतिहास को भी वो मनगढ़ंत समझ रही है हर चीज की सीमा होती है कंगना को भी चाहिए कि सिमा के अंदर रहे वाणी को कंट्रोल में रखे वरना ये भारत देश है शहीदों का अपमान देश बर्दास्त नही करेगा शायद इसीलिए भारत सरकार ने कंगना को सुरक्षा दिया हुआ है

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