गांधीजी के आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को पूरा करने के लिए शासकीय हाई स्कूल बैरख के स्कूली बच्चों ने किया गांवों में भ्रमण

गांधीजी के आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को पूरा करने के लिए शासकीय हाई स्कूल बैरख के स्कूली बच्चों को गांव का भ्रमण कराकर सरकार की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के बारे में विस्तार से बताया

बोड़ला। गांधीजी के आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को पूरा करने के लिए राज्य में स्कूली बच्चों को गांव का भ्रमण कराकर सरकार की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इससे स्कूली बच्चों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ जल संरक्षण और मृदा संरक्षण जैसे विषयों पर जानकारी मिल सकेगी और आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।
इसी कड़ी में आज वनांचल क्षेत्र के शासकीय हाई स्कूल बैरख द्वारा ग्राम पंचायत बैरख एवं ग्राम पंचायत ढोलबज्जा के गाँवों में स्थित नरवा, गरवा घुरवा बारी का विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा अवलोकन किया गया। एवं गाँव के कारीगरों लोहार, बढ़ई के कार्यो को देखा ।
संस्था प्राचार्य सोहन कुमार यादव ने बताया कि छ.ग.शासन बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने वाली शिक्षा का प्रबंध किया जा रहा है । जिसके अंतर्गत गांधी जी के आधार भूत सपनों को पूरा करने के लिए बच्चों को तैयार करने, उनके आदर्शों एवं सिद्धांतों से बच्चों को अवगत कराने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया है ।इसी के अंतर्गत आज नरवा, गरवा, घुरवा, बारी, गौठान एवं कारीगरों के कार्यो से बच्चों को परिचित कराया गया ।एवं ” नरवा गरवा घुरवा बारी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी “। ऐला झन भुलाहू संगवारी। ” नरवा गरवा घुरवा बारी, ऐला बचाना हे संगवारी ” के नारों के साथ विद्यार्थियों को ग्राम भ्रमण कराया गया एवं गाँवों में स्थित नरवा गरवा घुरवा बारी एवं कारीगरों जैसे लोहार,बढ़ई के कार्यो के महत्व को विद्यार्थियों को बताया गया ।
ग्राम भ्रमण में व्याख्याता सुश्री प्रेमलता ठाकुर,लक्ष्मण लाल वर्मा, परमेश्वर सोयाम एवं सभी विद्यार्थी गण उपस्थित थे।




गाँवों में स्थित नरवा, गरवा घुरवा बारी का विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा अवलोकन करते हुए।