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कवर्धा: आखिर क्यों किसानों को ही सब सहन करना होता है अब यूरिया की कमी से किसान हो रहे परेशान विभाग की लापरवाही या जान बूझकर किया जा रहा किसानों को परेशान – आनंद सिंह

कवर्धा: आखिर क्यों किसानों को ही सब सहन करना होता है अब यूरिया की कमी से किसान हो रहे परेशान विभाग की लापरवाही या जान बूझकर किया जा रहा किसानों को परेशान – आनंद सिंह

लगातार क्षेत्र व अपने जिले के आम जन,किसान,युवा,मजदूर की आवाज उठाने वाले लोकप्रिय जनसेवक आनंद सिंह ने किसानों को हो रही यूरिया खाद प्राप्ति मे समस्याओं को लेकर पुनः उठाई आवाज

क्षेत्रीय सोसायटी में यूरिया खाद नहीं, परंतु केंद्र के ऑनलाईन पोर्टल में खाद पर्याप्त मात्रा में, विभाग की तकनीकीय गलतियों का खमियाजा भुगत रहे किसान – आनंद सिंह

पंडरिया – क्षेत्रीय किसानों को यूरिया खाद समय में ना मिलने से हो रही समस्याओं को लेकर खाद्य अधिकारी से की मुलाकात, अधिकारी ने जल्द समाधान हेतु दिया आश्वासन

सरकारी फर्म सोसायटी सहित खुले बजार में भी यूरिया खाद की कमी से आम किसान हैं परेशान, प्रशासनिक लापरवाही से हो रही परेशानी

आधुनिकीकरण के चलते भोले भाले किसान बहुत से तकनीकियों को समझ नहीं पाते जिसमे उनकी कोई ग़लती नही विभाग को चाहिए कि उन्हे संपूर्ण जानकारी दें

किसानों की इस खेतिहर समस्याओं को लेकर जब आनंद सिंह ने सम्बन्धित खाद्य अधिकारी महोदय से मुलाकात की तब पता चला कि – खाद प्राप्तकर्ता किसान खाद लेने के पश्चात अपने थम्ब अगुठे से माशीन को पंच कर खाद की प्राप्ति करेगा जिससे केंद्र सरकार तक प्रत्येक सुसायटी के खाद की उठावे की जानकारी ऑनलाइन दिल्ली पहुंचेगी जिससे प्रदेश में किस जगह कितनी आवश्यकता और है या नहीं है उस टेप्लेशन से खाद पहुंचेगा

परन्तु हमारे ब्लाक मुख्यालय सहित जिले में किसानों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी जिसके चलते किसी भी किसानों ने प्रथम खाद्य उठाव के वक्त थम्ब नहीं लगाया जिससे केंद्र में आज की स्थिति में क्षेत्र के खाद्य का कोटा अभी भी पूर्ण यथावत है जोकि मौजूदा स्थिति में सिर्फ ऑनलाईन में ही दिख रहा है अलब्बता गोदाम ख़ाली पड़ा है

इस टेक्नीकल फाल्ट आधुनिकीय गलतियों और जानकारियों के आभाव के चलते किसान इस विकट समस्याओं से जूझ रहे है मेरा मानना है कि इस परेशानी का मुख्य कारण विभाग की लापरवाही और जानकारियों का आभाव है इसके लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि किसानों को जल्द उनका हक मिले

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