सर्वे भवन्तु सुखिनः,सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना से ब्राह्मणों ने रुद्राभिषेक का आयोजन कर धर्म की रक्षा का सन्देश दिया

सर्वे भवन्तु सुखिनः,सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना से ब्राह्मणों ने रुद्राभिषेक का आयोजन कर धर्म की रक्षा का सन्देश दिया

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही:- ब्राह्मण समाज के आव्हान पर पवित्र सावन महीने में विप्रजनों ने पाण्डेय आवासीय स्थित शिव मंदिर मरवाही में भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक पूजन कर धर्म संस्कृति की रक्षा तथा धर्म प्रचार प्रसार का सन्देश दिया। ब्राह्मण समाज मरवाही अध्यक्ष मोहनराम मिश्रा एवं धर्मेन्द्र पाण्डेय ने संयुक्त रूप से क्षेत्र के ब्राह्मणों का आह्वान कर भगवान भोलेनाथ के मंदिर में रुद्राभिषेक कराये जाने हेतु पूजन की रुपरेखा बनाकर पंडित दिवाकर शास्त्री के परमसान्निध्य में भगवान शिव जी का अभिषेक पूजन सम्पन्न कराया तथा “सर्वे भवन्तु सुखिनः,सर्वे सन्तु निरामयाः”की भावना से ऐसे पुनीत धार्मिक रुद्राभिषेक पूजन आयोजन कर लोगों को धर्म की रक्षा करने हेतु समस्त विप्रों को आगे रहने का सन्देश दिया।ब्राह्मण जन्म से ही संस्कारों को प्राप्त करता है तथा जीवन में उन्हीं धर्म संस्कारों के आधार पर समाज में अच्छी पहचान स्थापित करता है समाज को एक नई दिशा प्रदान करता है धर्म संस्कृति पर आधारित अनुकरणीय कार्य करने से समाज में पूज्यनीय बनता है समाज अध्यक्ष मोहन राम मिश्रा ने कहा कि ऐसे पुनीत धार्मिक कार्य आयोजन किये जाने से धर्म की रक्षा के साथ लोगों में आपसी सद्भाव,समरसता की भावना बढ़ती है समाज के लोग एक दूसरे से अपनी भावना व विचारों को व्यक्त कर समाज को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। समाज प्रमुख धर्मेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि आज के दौर में वैश्विक महामारी कोरोना ने अधिकांश लोगों को अपने चपेट में ले लिया है इससे सभी लोगों को सजग व सतर्क रहना हमारी जिम्मेदारी बनती है इसलिए सभी लोगों की सहभागिता मिल पाना आवश्यक नहीं है किन्तु समाज के प्रमुखजन समयानुसार आगे आकर लोगों को धर्म संस्कृति से जोड़ने का कार्य करते रहें और समाज की एकजुटता पर अनेक सराहनीय और अनुकरणीय कार्य करते रहें यही समाज की सशक्तिकरण की निशानी है ब्राह्मण समाज की एकजुटता की बागडोर हमारे युवापीढ़ी पर है जो आधुनिकता में होकर भी अपनी संस्कृति को न भूलें वरिष्ठ ब्राह्मणों के मार्गदर्शन व सलाह पर हमारे पूर्वजों के बताये हुये सन्मार्ग पर चलकर समाज की पहचान बनाने में भी महतिपूर्ण योगदान प्रदान करते रहें।ब्राह्मणों को अपने आप को पहचानना होगा हम क्या हैं हमारी पीढ़ी क्या हमारे पूर्वज हमसे क्या उम्मीद कर रखे थे जब तक हमारी सनातन संस्कृति हमारे साथ नहीं होगी तब तक हमारा कोई अस्तित्व नहीं होगा।ब्राह्मणों का तेज कर्म संस्कार स्वयं प्रकाशित होगा तो अखिल विश्व ब्राह्मणों के पदचिन्हों पर चलकर धार्मिक व सामाजिक भावना से सराबोर हो जायेगा।
ब्राह्मण समाज ने पवित्र सावन महीने में रुद्राभिषेक पूजन करने के कार्य को बहुत ही प्रासंगिक व फलदायी बताया है ऐसे कार्य किये जाने से विश्व में शान्ति सद्भाव का प्रतिफल प्राप्त होता है धर्मो रक्षति रक्षितः की भावना से किये जाने वाले कार्य समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करती है बलराम तिवारी सहित अन्य समाज प्रमुखों ने कहा कि इस क्षेत्र में ब्राह्मणों की संख्या बहुत कम है लेकिन आज भी सामाजिक एकजुटता के अभाव में एक दूसरे से अपरिचित बने रहते हैं हमारी एकजुटता ही समाज को सशक्त बनायेगा।हम एक दूसरे के सुख दुःख में जब साथ देंगे तो हमारी समाज के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और समाज का सुदृढ़ीकरण अवश्य होगा।सर्वप्रथम समाज का आदर्श बनकर जब सशक्तिकरण और समाज उन्मुखीकरण का कार्य पूर्ण होगा तो स्वयमेव हमारा समाज व अन्य समाज अनुयायी बनकर अपने सनातन धर्म संस्कृति से अपने आप को जुड़ा हुआ महसूसकर गौरवान्वित होगा।इस रुद्राभिषेक कार्यक्रम में क्षेत्र के ब्राह्मणों का सहयोग प्रशंसनीय रहा।