जिनपिंग की पार्टी के बागी नेता का दावा-गलवान घाटी में मारे गए 100 से ज्यादा चीनी सैनिक


Image Source : FILE
बीजिंग: लद्दाख की गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ उलझना चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बहुत भारी पड़ रहा है। इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। कर्नल संतोष बाबू समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। भारत ने इसकी पुष्टि की और पूरे देश ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, वहीं चीन ने अभी तक अपनें मृत सैनिकों का आंकड़ा नहीं जारी किया है।
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के एक पूर्व नेता के बेटे यांग जिनाली ने दावा किया है कि गलवान घाटी में भारतीय सेना के हाथों 100 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन सरकार जानबूझकर आंकड़ा नहीं जारी कर रही है। यांग ने कहा कि अगर बताया तो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए ही मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी और पार्टी में विद्रोह हो जाएगा।
जियानली ने लिखा है कि लंबे समय से पीएलए चीन की सत्ता का मुख्य हिस्सा रहा है। अगर देश की सेवा में कार्यरत पीएलए कैडर की भावनाएं आहत होती हैं तो ये रिटायर सैनिकों के साथ मिलकर देश की सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगा।
“The day Communist govt of China will tell the exact no.of Chinese soldiers killed in the clash with the Indian soldiers in #GalwanValley,The whole country will revolt against Xi Jinping.This number is more than hundred.”
– Yang Jinali
( Communist Party of #China) @drapr007 pic.twitter.com/U5AXDhYTiz— News Line IFE ?Live? (@NewsLineIFE) July 1, 2020
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि बीजिंग को डर है कि अगर वह यह मान लेता है कि भारत से ज्यादा उसके अपने सैनिक मारे गए थे तो देश में अशांति फैल सकती है और सीसीपी की सत्ता भी दांव पर लग सकती है।
उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से जब पूछा गया कि इस झड़प में कितने सैनिक मारे गए तो उन्होंने साफ कह दिया कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी ही नहीं ही। अगले दिन जब उनसे भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला दिया, जिसमें चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात थी तो उन्होंने इसे गलत सूचना करार दे दिया।
कम्युनिस्ट सरकार का सैनिकों के प्रति यह बर्ताव पीएलए के 50 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को बहुत आहत किया है और सरकार के खिलाफ उन्हें गुस्सा बढ़ते जा रहा है। यांग जिलानी के दावे पर अभी तक चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने भी कुछ नहीं लिखा है लेकिन गलवान घाटी में चीनी सेना को भयंकर नुकसान हुआ है ये तो तय है।