चीनी पत्रकार ने कहा- हमारे सैनिक भी मारे गए, पर चीन के संयम को कमजोरी न समझें


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बीजिंग: चीन के एक पत्रकार ने कहा है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में ड्रैगन के सैनिकों को भी जान गंवानी पड़ी है। ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ (इंग्लिश) हू जिजिन ने ट्वीट कर कहा कि भारत अहंकार न पाले और चीन के संयम को उसकी कमजोरी न समझे। भारतीय सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।
‘चीन टकराव नहीं चाहता, लेकिन डरता भी नहीं’
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ (इंग्लिश) हू जिजिन ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे जो जानकारी है उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए हैं। मैं भारतीय पक्ष को बताना चाहता हूं कि अहंकारी न बनें और चीन के संयम को कमजोरी न समझें। चीन भारत के साथ कोई टकराव नहीं करना चाहता है, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं।’
Based on what I know, Chinese side also suffered casualties in the Galwan Valley physical clash. I want to tell the Indian side, don’t be arrogant and misread China’s restraint as being weak. China doesn’t want to have a clash with India, but we don’t fear it.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 16, 2020
45 साल बाद सीमा पर हुई शहादत
भारतीय सेना ने हालिया घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। इसे चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की शहादत की संभवत: पहली घटना माना जा रहा है। इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में 4 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। सेना ने कहा कि चीन को भी नुकसान हुआ है, लेकिन कितना, यह अभी साफ नहीं है।
‘दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई’
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।’ गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।
पूर्वी लद्दाख में जारी है तनाव
भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में आ गए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिए कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है।


