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तेजी से भीषण मंदी की ओर बढ़ रहा है सिंगापुर, GDP वृद्धि दर में 7% तक आ सकती है गिरावट

Singapore heads towards worst-ever recession in nearly two decades
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सिंगापुर। सिंगापुर करीब दो दशक की सबसे भीषण मंदी की ओर बढ़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। देश में अब तक 32,343 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। व्यापार और उद्योग मंत्रालय के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस साल 4 से 7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। यह पूर्व के 1 से 4 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान से ज्यादा बड़ी होगी।

समाचार चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर में 2001 में जीडीपी वृद्धि दर में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वर्ष 1998 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद यह सबसे बड़ी मंदी है। उस समय अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि विदेशी कामगारों में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैलने के कारण कार्यबल की कमी की वजह से निर्माण, समुद्री तथा अपतटीय इंजीनियिरंग क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। संक्रमण उन विदेशी कामगारों में तेजी से फैला है जो डॉरमेटरी (एक ही कमरे में कई लोगों के लिए बने सोने की जगह) में रहते हैं।

सिंगापुर में मंगलवार को विदेशी कामगारों में संक्रमण के 383 नए मामले आए। इसमें मात्र एक मरीज सिंगापुर का नागरिक या स्थायी निवासी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 32,343 पर पहुंच गई है। समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार तीन महीने से कुछ अधिक समय में यह तीसरा मौका है जब जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट और इसके शून्य से नीचे जाने का अनुमान जताया गया है। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने उम्मीद से कहीं भयवाह मंदी आने को लेकर चेतावनी दी थी।

व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि संगापुर के लिए बाह्य मांग परिदृश्य में गिरावट को देखते हुए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को और घटा दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वृद्धि दर में गिरावट के अनुमान के बाद भी कोविड-19 को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है। इसको लेकर वैश्विक और सिंगापुर अर्थव्यवस्था में आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता। उद्योग मंत्रालय ने कहा कि उसके आकलन में अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में महामारी के कारण जिस रूप से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, वह अनुमान से कहीं व्यापक है। 

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