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वनांचल बोक्करखार, महालीघाट में आदिवासी बच्चों को मिल रही मोहल्ला कक्षा से शिक्षा

@Apnews:कवर्धा वनांचल बोक्करखार, महालीघाट में आदिवासी बच्चों को मिल रही मोहल्ला कक्षा से शिक्षा

कवर्धा, 27 अक्टूबर 2020। छत्तीसगढ़ राज्य वनों से आच्छादित राज्य है, जो पूरे देश मे तीसरे स्थान पर है, जिसमें कबीरधाम जिला भी वन संपदा से भरपूर है। कबीरधाम जिले के चारों विकासखंड कवर्धा, बोड़ला, पंडरिया और सहसपुर लोहारा में से विकासखंड बोड़ला मैकल श्रेणी के गोद मे स्थित है। जिले की बोड़ला वनांचल विकासखंड अंतर्गत संकुल केंद्र बोक्करकरखार चारों ओर से वनों से घिरा हुआ है। सघन वनों के बीच होने के बावजूद भी यहां शिक्षा के क्षेत्र में कभी पीछे नही रहा। यह क्षेत्र बैगा आदिवासी का गढ़ रहते हुए भी शिक्षा व खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाया हुआ है।

इस कड़ी को आगे बढ़ाते यहां के शिक्षक, शिक्षिका लगातार शिक्षा के क्षेत्र में अपने कार्य क्षेत्र में सहयोग देने कभी किसी से पीछे नहीं रहते। सक्रिय रूप से कार्य संकुल प्रभारी कृष्ण कुमार धुर्वे ने बताया कि इस वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच शासकीय प्राथमिक शाला महाली घाट में शिक्षिका संतोषी पैकरा एवं शाला संगवारी सुख सिंह धुर्वे द्वारा मोहल्ला क्लास का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन 30 से 35 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। वनों से घिरे इस क्षेत्र में जहां पहुंचना दुर्लभ है ऐसे स्थान पर महिला शिक्षिका द्वारा लगातार प्रयास कर अपने शाला के बच्चों के लिए प्रयास किया जा रहा है जिसकी सराहना स्वयं संकुल प्रभारी कृष्ण कुमार धुर्वे, ग्राम सरपंच के द्वारा किया जा रहा है। शिक्षिका द्वारा बच्चों को नई नई गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई कराई जा रही है स्थान के अभाव में शिक्षिका द्वारा शाला का संचालन खुले मैदान में ही कराई जा रही है । पढ़ाई तुंहर दुआर अंतर्गत चाहे जंगल हो या मैदान सभी जगह के शिक्षक शिक्षिकायें अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन स्वस्फूर्त कर रहे हैं।

जिला नोडल अधिकारी श्री यू आर चंद्राकर ने बताया कि जिले में चारों विकासखंड में विकासखंड बोड़ला की स्थिति मोहल्ला कक्षा बहुत अच्छी है यहां वनांचल क्षेत्र होने के बावजूद भी पढ़ाई के क्षेत्र में पीछे नहीं रहा है। आज भी जब कोरोना संकट की स्थिति है तभी से यहां लगातार मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। पूरा क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क से विहीन होने की स्थिति में ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर पाना कठिन था। यह मोहल्ला क्लास यहां के बच्चों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है गरीब बच्चे जिनके पास मोबाइल नही है ना ही नेटवर्क है।

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