राज्य सरकार का बड़ा फैसला : 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे स्कूल


नई दिल्ली। राजधानी के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को यह घोषणा की। केंद्र सरकार की तरफ से 15 अक्टूबर से सभी स्कूलों को खोलने की छूट दी गई है। इसी के बाद कयास लग रहे थे कि दिल्ली के स्कूल भी खुल सकते हैं। हालांकि अरविंद केजरीवाल सरकार ने 18 सितंबर को जारी आदेश में 5 अक्टूबर तक के लिए स्कूल बंद रखने को कहा था।
इस प्रतिबंध को अब 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली में स्कूल बंद रखने का फैसला जारी रहेगा। मैंने 31 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। ऑर्डर जल्द जारी हो जाएगा।
ऑनलाइन लर्निंग को प्राथमिकता दे रहीं सरकारें
केंद्र ने स्कूल खोलने की छूट तो दी है मगर कोविड से जुड़ी सभी सावधानियों का पालन करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजरजारी किया है। राज्य सरकारें इसके आधार पर अपने जारी करेंगे जिनका स्कूलों को पालन करना होगा।
सरकार चाहती है कि ऑनलाइन मोड से पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाए। अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ना चाहते हों तो स्कूल को इसकी अनुमति देनी होगी। फिलहाल स्कूल आने वाले स्टूडेंट्स को पैरेंट्स की रिटेन परमिशन के साथ आना होगा।
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा। अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं।
उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे। जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।
बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते अभिभावक
हाल के दिनों में कई सर्वे हुए हैं जिनमें यही सामने आया कि पैरेंट्स अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। लोकल सर्कल्स के सर्वे में 71 फीसदी पैरेंट्स ने कहा कि वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। केवल 20 फीसदी ने हामी भरी और 9 फीसदी इसे लेकर अनिश्चित थे। कई पैरेंट्स को लगता है कि अक्टूबर-नवंबर का मौसम कोविड-19 के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेजा समस्याएं ला सकता है।
SOP में क्या है?
सोशल डिस्टेंसिंग और पर्सनल हायजीन के अलावा कई व्यवस्थागत नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन अनिवार्य किया गया है। फिलहाल स्कूलों के स्विमिंग पूल बंद रहेंगे और कोई असेंबली या स्पोर्ट्स ऐक्टिविटी भी नहीं होगी। क्लासेज में दो बच्चों के बीच 6 फीट की दूरी मेंटेन करनी होगी।