PM मोदी फ्रंट से देश का नेतृत्व कर रहे हैं, 21 वीं सदी को भारत से परिभाषित किया जाएगा: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा


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नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वायरस को लेकर देश को दिए संबोधन पर कहा कि कोरोना वायरस के इस दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रंट से देश का नेतृत्व कर रहे हैं। 21 वीं सदी को भारत से परिभाषित किया जाएगा, पीएम के संदेश ने आज इसके लिए आधारशिला रखी है। उन्होनें कहा कि बदलाव की दिशा में आत्मनिर्भर भारत हमारे लिए ड्राइविंग नेशन बनने का मंत्र है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री ने दुनिया का सबसे बड़ा समग्र राहत पैकेज घोषित किया है। मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग का समर्थन करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज का ऐलान किया हैं। यह भारतीय जीडीपी का लगभग 10 फीसदी है। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री के सक्रिय दृष्टिकोण से भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
In the times of COVID 19, PM Narendra Modi is leading the country from the front. The 21st century will be defined by India, PM’s message today has laid foundation stone for implementing this. Aatmanirbhar Bharat is our Mantra for driving country towards this new change: BJP Pres pic.twitter.com/2PhmFOc4O2
— ANI (@ANI) May 12, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि आपदा को अवसर में बदलना है और अब सिर्फ एक रास्ता है ‘आत्मनिर्भर भारत’। उन्होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार के हाल के फैसले, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पैकेज के बारे में विस्तृत ब्योरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल से अगले कुछ दिनों तक देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे से शुरू अपने संबोधन में कहा कि करोना वायरस से हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक परिवारों ने अपने स्वजनों को खोया है। सभी परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। करोड़ों लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जिंदगी बचाने के लिए जंग में जुटी है। इस तरह का संकट न पहले देखा गया और न सुना गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सबकुछ अकल्पनीय है.. संकट अभूतपूर्व है.. लेकिन थकना हारना, टूटना मानव को मंजूर नहीं।