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यूूपी में अब तक आए करीब 3.15 लाख श्रमिक, सबका डेटा बेस तैयार करने के निर्देश

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सोमवार तक 184 ट्रेनों से करीब दो लाख 25 हजार तथा करीब एक लाख प्रवासी श्रमिक बसों एवं अन्य साधनों से दूसरे प्रदेशों से वापस आ चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सभी श्रमिकों का डेटा बेस तैयार किया जाय जिसमें उनके कौशल और नाम पता दर्ज किया जाए। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड-19 अस्पतालों में 20 मई, 2020 तक 25,000 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि माह के अन्त तक कोविड-19 अस्पतालों में एक लाख बेड उपलब्ध हो जाएं।

अपर मुख्य सचिव (गृह और सूचना) अवनीश अवस्थी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेस में बताया कि अब तक 184 ट्रेनें दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश के दो लाख 25 हजार श्रमिकों कामगारों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। इसके अलावा एक लाख मजदूर बसों और अन्य साधनों से वापस आयें है। उन्होंने कहा कि आज सोमवार को अब तक 16 ट्रेनें उप्र में आ चुकी हैं और शाम तक कुल 55 ट्रेनें आ जायेंगी जिससे करीब 70 हजार और श्रमिक अपने प्रदेश वापस आ जायेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक 28 ट्रेनें गोरखपुर में, 22 ट्रेनें लखनऊ आ चुकी हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 20 लाख श्रमिकों के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत कार्ययोजना बनाने को कहा है। इसलिये प्रदेश में आने वाले श्रमिकों का एक बड़ा डेटा बेस तैयार किया जा रहा है जिसमें उनका कौशल (स्किल), उनका नाम पता और मोबाइल नंबर लिया जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी पैदल अथवा साइकिल या बाइक आदि से यात्रा न करे। ऐसे लोग जहां भी मिले उन्हें वहीं रोककर उनका नाम पता आदि सम्पूर्ण विवरण दर्ज करते हुए मेडिकल चेकअप के बाद उनके जनपद में भेजने की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि ऐसे लोगों का पृथक केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य किया जाए। उन्होंने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के साथ हर स्तर पर सम्मानजनक व्यवहार किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिये हैं कि घर पर पृथक रहने के लिए घर भेजे जाने वाले प्रवासी कामगार/श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध करायी जाए। निराश्रित लोगों को राशन किट के साथ-साथ एक-एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए स्थापित पृथक इकाई, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए सभी 75 जनपदों में आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों को नामित किया गया है। इन अधिकारियों को पृथक इकाई/आश्रय स्थल आदि पर स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों के समन्वय की जिम्मेदारी दी जाए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के वार्डों में निगरानी समितियों का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन समितियों में नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल, स्वच्छाग्रही, ग्राम चौकीदार आदि को सम्मिलित करते हुए व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी-छिपे उनके क्षेत्र में आएं तो वे प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने अन्तर्राज्यीय/अन्तर्जनपदीय आवागमन को सुव्यवस्थित रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से न आने पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनकी सहमति से उनके गृह प्रदेश भेजा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश से भेजे जाने वाले ऐसे प्रवासी श्रमिकों की जनपदवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश से नेपाल राष्ट्र के जो लोग वापस जाना चाहते हैं, उनकी वापसी की व्यवस्था की जाए, तथा जो लोग यहां रुकना चाहते हैं, उनके लिए आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाए।

अवस्थी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि संचालित औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों को कार्य पर जाने के लिए प्रेरित किया जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों सहित सभी कर्मियों को लॉकडाउन अवधि के मानदेय का भुगतान हो जाए। उन्होंने श्रमिकों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।

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