*खड़ोदाजंगल में DMF फंड का बड़ा घोटाला!

20 लाख की पुलिया 8–10 लाख में, खुलेआम लूट — प्रशासनिक मिलीभगत पर गंभीर सवाल
बोड़ला – बोड़ला विकासखंड के खड़ोदा जंगल क्षेत्र में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) मद से बन रही पुलिया भ्रष्टाचार की एक और भयावह मिसाल बनकर सामने आई है। लगभग 20 लाख रुपये की स्वीकृत लागत वाला यह निर्माण कार्य कथित तौर पर ठेकेदार–इंजीनियर–एसडीओ की मिलीभगत से सिर्फ 8 से 10 लाख रुपये में निपटाने की तैयारी में है, जबकि शेष राशि के गबन का आरोप स्थानीय स्तर पर जोर पकड़ रहा है।
कार्यस्थल पर पारदर्शिता पूरी तरह गायब है। काम आधे से अधिक हो चुका है, लेकिन आज तक कार्य विवरण बोर्ड नहीं लगाया गया, जबकि नियमों के अनुसार कार्य प्रारंभ से पहले बोर्ड पर कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, प्रारंभ व पूर्णता तिथि, एजेंसी तथा इस्टीमेट का विवरण अनिवार्य होता है।जानबूझकर जानकारी छिपाना अपने-आप में गंभीर संदेह और भ्रष्ट मंशा को उजागर करता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डीएमएफ के कार्यों में एजेंसी ग्राम पंचायत होती है, लेकिन यहां पूरा कार्य खुलेआम ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। आरोप है कि इस कार्य को पास कराने और आंखें मूंदने के लिए कलेक्टर से लेकर निचले अधिकारियों तक कमीशन का बंटवारा किया गया। यह पूरा मामला उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है, जिससे शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली और नियंत्रण प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में मानकहीन गिट्टी, रेत, सीमेंट और छड़ का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पुलिया की गुणवत्ता और भविष्य में आवागमन की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह केवल धन की लूट नहीं, बल्कि जनहित और जनसुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ है।
बोल्दाकला सहित अन्य गांवों में भी वही ठेकेदार, वही खेल
मामला यहीं तक सीमित नहीं है। आरोप है कि इसी ठेकेदार द्वारा बोल्दाकला सहित अन्य गांवों में भी डीएमएफ एवं अन्य मदों से निर्माण कार्य कराए गए हैं, जहां इसी तरह की घटिया गुणवत्ता, बिना बोर्ड, बिना पारदर्शिता और कम लागत में अधिक भुगतान का खेल खेला गया। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इस ठेकेदार द्वारा किए गए सभी कार्यों की तकनीकी, वित्तीय और प्रशासनिक जांच कराई जाए तथा दोष पाए जाने पर ब्लैकलिस्ट कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी का कड़ा बयान
“खड़ोदा जंगल की पुलिया डीएमएफ घोटाले का जीता-जागता सबूत है। नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, गुणवत्ता से समझौता हो रहा है और जनता के पैसे की खुली लूट हो रही है। यही ठेकेदार बोल्दाकला सहित अन्य गांवों में भी इसी तरह के कार्य कर चुका है, जिसकी तत्काल जांच आवश्यक है। हम स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच, दोषियों पर एफआईआर, संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने, और भुगतान तत्काल रोकने की मांग करते हैं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो जिलास्तरीय आंदोलन और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अब सवाल साफ है — जांच होगी या संरक्षण मिलेगा? जनता जवाब चाहती है, और जवाबदेही तय होकर रहेगी।
आकाश राजपूत (मुख्य कार्यपालन अधिकारी बोड़ला ) – इंजिनियर, एसडीओ को निर्देश दिया गया है सही तरीके से मूल्यांकन करेंगे जितना कार्य हुआ उतना ही बिल बनाया जाएगा यदि किसी भी प्रकार की गुणवत्ता मे कमी होगी तो कार्यवाही होगी, यदि बोर्ड नहीं लगा है इसे देखवा लेता हूँ।


