पंडरिया : इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पंडरिया की दयनीय हालत पर छात्र ने व्यक्त की अपनी पीड़ा.समुचित मरम्मत नहीं. एंव विभिन्न अन्य समस्या

पंडरिया : इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पंडरिया की दयनीय हालत पर छात्र ने व्यक्त की अपनी पीड़ा.समुचित मरम्मत नहीं. एंव विभिन्न अन्य समस्या

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ पंडरिया : इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पंडरिया की दयनीय हालत पर छात्र ने व्यक्त की अपनी पीड़ा..समुचित मरम्मत नहीं.. एंव विभिन्न अन्य समस्या
इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पंडरिया की वर्तमान स्थिति अत्यंत दयनीय और चिंताजनक है। महाविद्यालय की बदहाल व्यवस्था देखकर यहाँ अध्ययनरत विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है। इसी पीड़ा को व्यक्त करते हुए महाविद्यालय के M.Com प्रथम सेमेस्टर के छात्र बिरेंद्र बघेल ने अपनी मन की व्यथा साझा की है।
उन्होंने बताया कि सन 1984 में निर्मित इस महाविद्यालय भवन की आज तक एक भी बार समुचित मरम्मत नहीं हुई और न ही किसी प्रकार के अतिरिक्त भवन या कक्षाओं का निर्माण कराया गया। लगातार बढ़ती विद्यार्थी संख्या के बावजूद शिक्षण के लिए पर्याप्त स्थान न होना एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
वाणिज्य विभाग की स्थिति तो और भी अधिक चिंताजनक है। सिर्फ 6×10 के छोटे से कमरे में पाँच कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसमें B.Com तृतीय वर्ष तथा M.Com प्रथम सेमेस्टर से लेकर चतुर्थ सेमेस्टर तक की कक्षाएँ एक ही कमरे में संचालित होती हैं। विद्यार्थी जानवरों की तरह ठूँस-ठूँसकर बैठने को मजबूर हैं, जिससे न केवल शिक्षा स्तर प्रभावित हो रहा है, बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से भी खिलवाड़ है।
महाविद्यालय की इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात के दौरान छत से पानी रिसकर क्लासरूम में भर जाता है, प्लास्टर गिरने की घटनाएँ आम हो चुकी हैं। विद्यार्थी इस भय और असुविधा के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा 20 से भी अधिक बार उच्च शिक्षा विभाग एवं शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर मरम्मत कार्य एवं अतिरिक्त भवन निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। शासन और प्रशासन की यह चुप्पी छात्रों के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
M.Com प्रथम सेमेस्टर के छात्र बिरेंद्र बघेल कहते हैं—
“जो कुछ मैं यहाँ महसूस कर रहा हूँ, वही बात इस पत्र के माध्यम से शासन-प्रशासन तक पहुँचाना चाहता हूँ। मेरी विनम्र प्रार्थना है कि हमारी पुकार सुनी जाए और इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पंडरिया की दशा को सुधारने हेतु जल्द कार्यवाही की जाए।”
विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से शासन से अनुरोध किया है कि अतिरिक्त भवन निर्माण, जर्जर भवन की मरम्मत तथा बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि उनके भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ बंद हो सके।


