दीपावली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार- श्रीमति संतोष ताम्रकार जी के कलम से


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार स्टेट रिपोर्टर छत्तीसगढ़
दीपावली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से आरंभ होकर शुक्ल पक्ष के द्वितीय तक कुल 5 दिन तक चलता है इस प्रकाशोत्सव में पूजन के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण, कुटुंब समन्वय, सामाजिक समरस्त्ता, पर्यावरण संरक्षण तथा राष्ट्र की समृद्धि के प्रमुख संदेश दिए जाते हैं l
दीपावली श्री रामचंद्र जी के अयोध्या लौटने के उत्सव मनाने का त्यौहार है ।
दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो हर किसी के जीवन में खुशियां लाता है l यह त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है, इन 5 दिनों का अपना एक अलग ही महत्व है दीपावली के कुछ दिन पहले से ही घर एवं दुकानों की साफ-सफाई, लिपाई-पोताई शुरू हो जाती है जो भी वस्तुएं समान खराब हो जाते हैं उसे भंगार वाले को ( कबाड़ी को ) बेचने से उनका भी कुछ आमदनी हो जाता है और अपने पास नया सामान आ जाता है l नए-नए वस्तुएं खरीदना, वस्त्र खरीदना, जो भी जरूरत के समान हो इस खास मौके पर घर लेकर आते हैं l सड़क किनारे बैठे दुकानदार, गली-गली घूम कर बेचने वालों से, अपने आसपास की दुकानों से हमें खरीदी करनी चाहिए ताकि उनके घर भी दिये जले और खीर-पुरी का भोग लग सके, आज के समय में लोग बड़े-बड़े शोरूम, मॉल और ऑनलाइन खरीदारी ज्यादा करने लग गए हैं हमें अपने देश की वस्तुएं खरीदनी चाहिए जिस्से देश का पैसा देश में ही रहे ताकि सभी वर्ग के लोगों को कमाने का मौका मिल सके l असल दिवाली तभी मनेंगी, जब हम अपने साथ-साथ दूसरों के घर भी दिये जलाएं तभी दीपदान का महत्व सार्थक होगा । इस दिन अपने सभी सहयोग करने वाले जैसे सब्जी वाले, दूध वाले, फल वाले, घर में काम करने वाले एवं सफाई कर्मचारी सभी को मिठाई एवं कुछ उपहार देकर उनका सम्मान करना चाहिए ताकि आपस में हमारा प्रेम बना रहे। बधाइयां शुभकामनाएं दिवाली के पहले से ही शुरू हो जाती है।
सबसे पहले आता है धनतेरस..जिसमे धन के देवता कुबेर और धनवंतरी देव की पूजा की जाती है इसी दिन से 5 दिनों तक चलने वाली अखंड दीप जलाए जाते हैं l इसी दिन धातु, आभूषण, बही खाता आदि खरीदे जाते हैं l शाम को घर के चौखट के बाहर रंगोली डालकर कच्ची मिट्टी या आटे की तेरह (13) दिए जलाए जाते हैं, यह स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है, इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं l
दूसरा रूप चौदस या नरक चतुर्दशी। इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और मानवता उसके अत्याचार से मुक्त हुई थी। नरकासुर के वध के बाद तनाव से मुक्ति मिलने पर नरक चतुर्दशी और नरकासुर के अंत से खुशी के कारण मानवता के चेहरे खिल उठे थे इसीलिए इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है l इस दिन घर के बाहर 14 मिट्टी के दिए या आटे के दीए जलाए जाते हैं l फिर आती है बड़ी दीपावली इस दिन माँ लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा की जाती है । श्री रामचंद्र जी के अयोध्या आने की खुशी में नगर वासियों ने पूरे अयोध्या को मिट्टी के दीयों से नगर के कोने-कोने और घरों को रोशनी से जगमगा दिया l इस दिन मिट्टी के दिये से पूरे नगर, गांव, बस्ती, खेत-खलियान, पाठशाला, गौशाला, कुआं, तालाब, नदी, अस्पताल, कार्यालय सभी जगह दीप जलाए जाते हैं, रंगोली बनाए जाते हैं l माँ तुलसी के पौधों के पास घी का दीपक जलाया जाता हैं l कहते हैं इस दिन मां लक्ष्मी धन की देवी धरती पर विचलन करती है और अपने भक्तों को सुख-शांति, समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य की आशीर्वाद देते है। अमावस्या कि इस अंधेरी रात में दीपों का प्रकाश एक नई ऊर्जा की ओर ले जाता है l घर के बने पकवानों से, लाइ-बताशे, खीर-पुरी से मां को भोग लगाया जाता हैं l पूरे परिवार के लोग नए वस्त्र धारण कर एक साथ पूजा करते हैं। उसके बाद अपना जो व्यवसाय है, गाड़ी है, उसकी पूजा कि जाते हैं l फुलझड़ी पटाखे फोड़े जाते हैं, सभी एक दूसरे से गिले शिकवे मिटाकर गले मिलकर दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं, वह मुंह मीठा करते हैं।
फिर आता है गोवर्धन पूजा, यही वह दिन है जब भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल के लोगों को इंद्र की मूसलाधार बारिश के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी तर्जनी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
अंत मे आता है भाई दूज, जोकि भाइयों और बहनों के बीच प्रेम दर्शाता हैं। भाई-बहन दोनों एक दूसरे के स्वस्थ परिवार की कामना, सुख-शांति समृद्धि की कामना करते हैं l इसी दिन 5 दिनों तक चलने वाला अखंड दीप और दीपावली का समापन होता है।
इस त्यौहार को सभी अपने-अपने तरीकों से हर्ष उल्लास के साथ मनाते है और हां, हम सभी को जो हमारे लिए, हमारे देश के लिए अपनी कुर्बानी दिए है उनके नाम से एक दिया जरूर जलान चाहिए क्योंकि उन्ही के आशीर्वाद, बलिदान से हम अपने घर में परिवार के साथ त्यौहार का आनंद ले रहे हैं l
दीपों का त्यौहार,
आएलाए खुशियों की बौछार।
लाई बताशे-खीर की मिठास,
नए कपड़े पटाखे की आवाज।
गूंजे हर गली-गली में,
धरती आसमान एक हो,
दीपों की जगमघाट हो।
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं