धान फसल में माहू कीट का प्रकोप, कृषि विभाग ने किसानों को दिए नियंत्रण के उपाय

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
खैरागढ़, 30 सितम्बर 2025//
खरीफ सीजन की धान फसल में इस वर्ष माहू कीट का प्रकोप बढ़ने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। यह कीट भूरे रंग की मक्खी के समान दिखाई देता है और फसल की पत्तियों एवं तनों का रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देता है। प्रभावित पौधों की पत्तियां पीली पड़कर जलने जैसी दिखाई देती हैं, जिससे पौधे भोजन नहीं बना पाते और बौने रह जाते हैं। नतीजतन उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
कृषि विभाग ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे समय रहते नियंत्रण के उपाय अपनाएं, अन्यथा फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि माहू कीट नियंत्रण के लिए नाइट्रोजन उर्वरक का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए और खेतों के आसपास की खरपतवारों को हटाना आवश्यक है। जैविक नियंत्रण के तौर पर नीम आधारित कीटनाशक एजैंडिरेक्टीन का 3 से 4 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा रासायनिक नियंत्रण के लिए डाइनेटोफ्यूरॉन, पाईमेट्रोजीन, फिप्रोनील, इमिडाक्लोप्रिड, बाईफ्रेथ्रीन और ट्राईफ्लुमेजोपाईरीन जैसी दवाओं का प्रति हेक्टेयर 1000 मिली की दर से छिड़काव प्रभावी बताया गया है।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे इन उपायों को समय पर अपनाकर अपनी धान फसल को सुरक्षित रखें और उत्पादन हानि से बचें।