रामाश्रम सत्संग कलयुग का चलती फिरती प्रयाग राज है


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार स्टेट रिपोर्टर छत्तीसगढ़
रिपोर्टिंग पत्रकार चंद्रभूषण यदु
भिलाई – रामाश्रम सत्संग कलयुग का चलती फिरती प्रयाग राज है जो खुद चलकर गानव के कल्याण के लिए हर जगह पर पहुंच कर तप्त हृदय को शांति प्रदान करती हैं ।मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है तो हम बोलेंगे शांति चाहते हैं अपने जीवन में जो भी करतें हैं पढ़ाई लिखाई व्यापार सर्विस सुख प्राप्त करने के लिए करतें हैं पर हर सुख के साथ दुख भी जुड़ा हुआ है जैसे दिन के साथ रात उसी सुख दुख के झुले में झूलते रहते हैं।अब हम क्या करें हमारे जीवन का लक्ष्य क्या होना चाहिए हमारा जीवन सुख और दुख के ऊपर ऊठ जाये हमारे जीवन में शांति आ जाये रामाश्रम सत्संग सुख और दुख से ऊपर उठाता है घर गृहस्थी की खटपट में जीवन को सुखमय बनाता है कुछ हमारे जीवन में आर्थिक मानसिक परेशानियों से हमारा जीवन उथल-पुथल मचा देता है हम मन की विचारों से संसार में व्यवहार करने लग जाते हैं। हमारे अंदर शरीर में मन बुद्धि चित अंहकार का साम्राज्य है।हमारा मन संसार की गतिविधियों में रमा रहता है।जो कुछ चित से विचार उत्पन्न होता है मन उसे सहर्ष स्वीकार कर चित के साथ करने ना करने अनाचार गलत व्यवहार करने लग जाता है।
मनुष्य जीवन का लक्ष्य श्रेष्ठ है मनुष्य को मनुष्यता बनाने का काम रामाश्रम सत्संग सिखाती है यदि आप अंधकार में काम करोगे तो ठोकर लगेगा इसी को संतों ने बताया की हमे तीन प्रकार की प्रकाश की जरूरत है पहला ज्ञान की प्रकाश दुसरा बुद्धि का प्रकाश तीसरा है प्रेम का प्रकाश यदि तीनों प्रकार की प्रकाश हमें मिल जाये तो जीवन में दुख ही ना आये।हम अपने अंधकारमय जीवन को प्रकाश मय बना सकतें हैं।विवेक विचार की जागृति के बिना हम अंधकार में भटक रहे हैं। बिन सत्संग विवेक ना होई, राम कृपा बिनु सुलभ ना सोई रामाश्रम सत्संग अध्यात्मिक विद्या का पाठ शाला हैं जिसके सभी आचार्य गण आंतरिक सत्संग का गुण रहस्य को साधक गणों को गृहस्थ में रहकर सरल साधना बताएं। आंतरिक सत्संग प्रेम की साधना है भक्त के हृदय में प्रेम का बीज डाल देता है प्रेम चाहे भौतिक हो या आध्यात्मिक हो प्रेम की बीज बोकर आश्रय की सलाह देते हैं आंसुओं से सींचकर उसे प्रेम की आंनद में विभोर कर देते हैं। रामाश्रम सत्संग भौतिक जगत में प्रेम का संचार समर्पण कराकर साधक को भवसागर से पार कराकर अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति करा देता है ।रामाक्षम सत्संग के आचार्य गण शिवनाथ शर्मा टूंडला प्रदीप शर्मा ग्वालियर डी के गौर अलीगढ़ राजेंद्र गुप्ता अहमदाबाद धीरज कुमार सागर गणेश सिंह झारसुगुड़ा कुंज बिहारी सिंह भिलाई रुद्र प्रसाद दुर्ग देवा साहु राजनांदगांव विभूति सिंह अंबिकापुर गजेन्द्र ठाकरे छुईखदान सभी संतो का पदार्पण भिलाई सेक्टर 6 में हुआ है। अखिल भारतीय आध्यात्मिक आंतरिक सत्संग समारोह लगातार 26 सितंबर से 28 सितंबर दोपहर तक समाप्त हो जायेगी।