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कबीर की ललकार आज भी जिंदा है। राजनांदगांव में राष्ट्रीय स्तरीय संगोष्ठी

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार

राजनांदगांव/17 सितम्बर/  पद्मश्री गोविन्दराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में दो दिवसीय “संत कबीर विचार संगोष्ठी” का भव्य आयोजन हुआ। समारोह में देशभर से आए प्रमुख कबीर पंथाचार्यों, संत-महंतों, विद्वानों और महाविद्यालयीन प्राध्यापकों ने सद्गुरु कबीर साहेब के जीवन-दर्शन, वाणी, आदर्शों और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि कबीर के विचार आज भी सामाजिक सौहार्द, एकता और विश्वबंधुत्व के लिए अत्यंत प्रासंगिक और व्यावहारिक हैं।

संगोष्ठी में दिग्विजय महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. हरनाम सिंह, राजस्थान के संत प्रभाकर साहेब, कबीर मठ नादिया के धर्माधिकारी सत्येंद्र साहेब, साध्वी शिखा (बिहार), हाईकोर्ट एडवोकेट शाकिर कुरैशी, महंत तुलसीदास साहेब, महंत बासादास, डॉ. परसदास, साध्वी चंद्रकला, प्रो. राजकुमार जैन, साधू यतीन्द्र साहेब (नागपुर) सहित अन्य विद्वानों ने कबीर दर्शन और वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्य पर अपने विचार रखे।

वक्ताओं ने कहा कि कबीर का संदेश जात-पात और भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता को सर्वोपरि मानता है, इसलिए उनका साहित्य पीढ़ियों से प्रेरणास्रोत बना हुआ है।

पद्मश्री डॉ. भारती बंधु और डॉ. तारासिंह डोडवे (इंदौर) ने सूफी शैली में कबीर भजनों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। “जरा हल्के गाड़ी हांको”, “जहां देखो वहां तू ही तू”, “पानी में मीन पियासी” जैसे भजनों पर श्रोता झूम उठे।
ताना-बाना ग्रुप के संत देवेंद्र व संत गुरुबोध ने भी भजन प्रस्तुत कर वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। समारोह में सांसद संतोष पांडे, विधायक दलेश्वर साहू, महापौर मधुसूदन यादव, कोमलसिंह राजपूत समेत अनेक जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
संपूर्ण कार्यक्रम का प्रभावी समन्वय और संचालन विप्लव साहू ने किया। भगवानी साहू, हरीश साहू, रूपचंद साहू, संतोष साहू, ललित साहू, दुर्गाराम साहू, कृष्णा साहू, चिंताराम साहू सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।
रायपुर, दुर्ग-भिलाई, केसीजी, मोहला-मानपुर-चौकी आदि जिलों के साथ प्रदेश भर से दर्शकों और श्रोताओं, कार्यकर्ताओं और प्रशासन के प्रति कार्यक्रमाध्यक्ष जे.डी. साहू ने आभार व्यक्त किया।

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