विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर न्यायाधीश ने आदिवासियों को बताएं उनके कानूनी अधिकार


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
न्याय पाने का अधिकार सभी को है – जेएमएफसी खलखो

मंथली प्लान का एक्शन के तहत अध्यक्ष सुषमा सावंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार और अध्यक्ष मोहनी कंवर तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ एवं सचिव नीलेश जगदल्ला के मार्गदर्शन में आज ग्राम सर्रागोंदी में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस /मूलनिवासी दिवस के अवसर पर विशेष कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जहां जुडिशल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास आकांक्षा खालको ने
विश्व आदिवासी दिवस उपलक्ष्य में उपस्थित आदिवासी महिलाओं, पुरुषों एवं युवाओं को बंधाई दी एवं आदिवासियों के अधिकारों एवं सरंक्षण के बारे में अवगत कराया। न्यायाधीश खलखो ने बताया कि तालुक विधिक सेवा समिति द्वारा आदिवासियों के अधिकार एवं संरक्षण के संबंध में योजनाएं संचालित है। पात्र व्यक्ति तालुक विधिक सेवा समिति के माध्यम से योजनाओं का लाभ एवं जानकारी प्राप्त कर सकते है साथ ही बताया कि प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्राप्त उपलब्ध कराई जाती है। पीड़ित व्यक्ति तालुक विधिक सेवा समिति में आवेदन कर लाभ ले सकते है। आगे जेएमएफसी खलखो ने कहा कि यह दिवस उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है जो आदिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।
प्रमुख संवैधानिक प्रावधान:
अनुच्छेद 15- केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है।
अनुच्छेद 16- लोक नियोजन के मामलों में अवसरों की समानता पर बल।
अनुच्छेद 46- अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य कमज़ोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना।
अनुच्छेद 335- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों संबंधी सेवाओं और पदों पर दावा।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338-A के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई है। उक्त शिविर में पैरालीगल वॉलिंटियर गोलू दास साहू ने साइबर अपराध , घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, वर्कप्लेस में महिलाओं के अधिकार ,, किशोर न्याय अधिनियम श्रम एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं महिलाओं के लिए भरण पोषण हेतु अधिकार, टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम वरिष्ठ माता पिता एवं वृद्धजन भरण पोषण योजना 2007, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, बालश्रम, न्याय आपके द्वार, राष्ट्रीय लोक अदालत, मिडियेशन, तथा राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं सालसा एवं नालसा द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने ग्राम सरपंच फुलेश्वरी साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।