ChhattisgarhINDIAखास-खबर

पुरेना में नाग पंचमी पूजन के साथ बच्चों के कुश्ती एवं कबड्डी का आयोजन किया गया

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

खैरागढ़ छुईखदान गण्डई- शासकीय प्राथमिक शाला पुरेना संकुल केन्द्र घिरघोली विकास खंड छुई खदान जिला केसीजी में नाग पंचमी मनाया गया सर्व प्रथम ब्लेक बोर्ड पर नाग बनाकर पूजा अर्चना किया गया और सभी सुखी हो सभी निरोगी सब कल्याण हो हे नाग देवता आप सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखना इस भाव के साथ पूजा किया गया

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामय:।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद दुख भाग भवेत् ।।

प्रधान पाठक तुलेश्वर कुमार सेन ने पौराणिक कथाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी कि रामायण में पाताल लोक नागों का रहने का स्थान है, जहां भगवान राम चंद्र और उनके छोटे भाई लक्ष्मण को ले गए थे, नाग फांस में बांध लिया गया था। लक्ष्मण जी और बलराम को शेष नाग का अवतार माना जाता है । शेष नाग धरती को अपने सर में रखे हुए है ऐसे अनेकों कहानियां बताई जाती हैं। भगवान कृष्ण ने कलिया नाग को यमुना नदी से बाहर निकाले थे, सागर मंथन के समय मंद्रा चल पर्वत और वासुकी नाग की कथा बताया जाता है, महाभारत और श्रीमद भागवत में राजा परीक्षित की मौत सात दिन बाद होगा जिसमें तक्षक नाग की कथा बताया जाता है ।हिन्दी सिनेमा जगत में नाग नागिन की अटूट प्रेम कहानी उनके द्वारा किए हुए उपकार और अपनी प्रेमी से बिछड़ने पर बदला आदि दिखाया जाता है जैसे कुछ फिल्म नागिन , नगीना,नाचे नागिन गली गली,नागमणि आदि ।नागों की अलग अलग प्रजाति तक्षक, वासुकी, शेष नाग, धृतराष्ट्र, कालिया आदि के बारे में बताया उज्जैन के महाकाल मंदिर में दूसरे मंजिल पर नाग देवता का मंदिर है जो मात्र नाग पंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खुलते हैं जिसकी पूजा दूध बेल पत्र चढ़ाकर पूजा करते हैं काल सर्प योग वालों के लिए विशेष पूजा किया जाता है इस दिन अखाड़ा कुश्ती लड़ाया जाता है ।आज नाग पूजन पश्चात प्रसाद वितरण किया गया बच्चों को कुश्ती और कबड्डी खेलने का अवसर प्रदान किया गया सभी बच्चों से निवेदन किया गया कि कभी भी किसी भी जीव जंतु को हमें सताना नहीं चाहिए जैसे हमें हमारा जान प्रिय है वैसे ही उन्हें भी अपनी जान प्यारी होती है अचानक कभी सामना हो जाए या घर में घुस जाए तो उन्हें बचाने का प्रयास करे जो पकड़ते हैं उन्हें बुला कर पकड़कर बाहर छोड़ने हेतु निवेदन करें सांप को पुराने समय में किसान मित्र कहा जाता था चूहा के नुकसान से हमारी फसलों को बचाता था परंतु आज जहरीली दवाई खाद के उपयोग से आज सब समाप्त हो रहे हैं आज के कार्यक्रम में प्रधान पाठक तुलेश्वर कुमार सेन सहायक शिक्षक गोकुल राम वर्मा सहित स्कूल के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page