आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में महाअभियान – “धरती आबा”


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
प्रधानमंत्री जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत 15 से 30 जून तक खैरागढ़ जिले में विशेष शिविरों का आयोजन
खैरागढ़, 06 जून 2025 //
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान ‘धरती आबा’ की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक विशेष अभियान का संचालन किया जाएगा, जिसका नेतृत्व कलेक्टर चन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल स्वयं कर रहे हैं।
इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना तथा उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की मुख्यधारा से जोड़कर समावेशी विकास को गति देना है। अभियान के अंतर्गत जनजातीय बहुल क्षेत्रों में व्यापक जनजागरूकता और सेवा-सुलभता सुनिश्चित की जा रही है।
विशेष ध्यान – जनजातीय आबादी वाले ग्रामों पर
जिले के दो विकासखण्डों में 10 चिन्हांकित जनजातीय ग्रामों को प्राथमिकता दी गई है, जहां पर शिविर लगाकर आवश्यक दस्तावेज़ों की उपलब्धता से लेकर योजनाओं के लाभ तक सीधे सेवा पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा कुल 16 चयनित ग्रामों में शिविर आयोजन प्रस्तावित है।
शिविरों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान भारत कार्ड, मातृ एवं शिशु कल्याण सेवाएं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा लोन, वृद्धावस्था, विधवा एवं दिव्यांगजन पेंशन, मनरेगा जॉब कार्ड, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, जनधन योजना के तहत बैंक खाता खोलना, बीमा सुविधा से आच्छादित किया जायेगा।
पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए मजबूत निगरानी तंत्र
इस अभियान की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर निगरानी समितियां गठित की गई हैं, जिनकी प्रत्यक्ष निगरानी कलेक्टर श्री चन्द्रवाल द्वारा की जा रही है। आदिवासी विकास विभाग को नोडल विभाग के रूप में नियुक्त किया गया है, जो समस्त विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर अभियान का क्रियान्वयन कर रहा है।
समावेशी विकास की ओर एक ठोस कदम
“धरती आबा” अभियान केवल एक सेवा शिविर नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल है। यह अभियान जनजातीय समाज को शासन की योजनाओं से जोड़कर उनकी जीवन गुणवत्ता में सार्थक परिवर्तन लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।