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मुख्यचिकित्सा अधिकारी और कलेक्टर के जुगल बंदी ने ट्रांसफर नियम की उडाई धज्जियां

मुख्यचिकित्सा अधिकारी और कलेक्टर के जुगल बंदी ने ट्रांसफर नियम की उडाई धज्जियां

कवर्धा -: ट्रांसफर नियम 2022 के अन्तर्गत अनेक नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है जिसमें मोटा मोटी 10% कर्मचारी का ट्रांसफर होना है स्वयं के आवेदन एवं प्रशासनिक स्तर पर जिला के अंदर में स्थानान्तरण किये जाने हैं साथ ही जिला के प्रभारी मंत्री काअनुमोदन भी आवश्यक किया गया है,पर कबीरधाम जिला के सुर्खियों में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के दबंग मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने कलेक्टर को गुमराह कर सभी नियमों का अनदेखा करते हुए मंत्री के अनुशंसा पर भी बडी चलाकी से कुट रचना करते हुए ट्रांसफर और सुविधा अनुसार संसोधन बैगडेट में बिना प्रभारी मंत्री के जानकारी में लाय बिना प्रथम अनुशंसा पर अनेक ट्रांसफर सुची21/9/2022को शोषल मिडिया में जारी किया गया है । विभागीय सुत्रो से पता चला है ।प्रभारी एवं स्वास्थ्य मंत्री के अनुशंसा पर 48 कर्मचारी का आदेश क्रमांक 7832 में स्थानान्तरण किये जीन्हे 21/9/2022तक एक तरफा कार्यभार मुक्त किया गया पर जो कर्मचारी को कार्य मुक्त किया गया उन्ही कर्मचारी का पुनः 10/9/2022 के तारिख पर 21/9/2022 को संशोधित आदेश के साथ तीन अलग अलग ट्रांसफर सूची कलेक्टर कवर्धा ने जारी किया जिसमें कर्मचारी के ट्रांसफर प्रकार को बदला गया कुछ कर्मचारियों को उनके इच्छा अनुसार स्थान पर ट्रांसफर परिवर्तन कर दिया गया। कुछ का जस के तस रखा गया है।जबकी बैगडेट में संसोधन व ट्रांसफर जारी सूची में प्रभारी मंत्री का अनुशंसा नहीं लिया गया है सुत्रो के अनुसार प्रत्यासा में गलत ट्रांसफर कर दिया गया है।इधर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी जब से नव नियुक्त मुख्यचिकित्सा अधिकारी कबीरधाम जिला में पदस्थ है तब से इनके ब्योहार कार्यप्रणाली पर भारी रोष है कर्मचारी अधिकारी को बेवजह परेशान कर रखें है मुख्यचिकित्सा अधिकारी कलेक्टर कार्यालय को मानों बंधक बनाकर रखें है पहली बार कबीरधाम जिला के कलेक्टर कार्यालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के इशारे पर पिडित ब्यक्ति का सुनवाई होगा या नहीं सी एम एच ओ तय करते हैं। कबीरधाम जिला के स्वास्थ्य कर्मचारी को कोई भी समस्या होने पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा कर्मचारी बिमार है या आवश्यक कार्य हो तब भी कोई पत्राचार ना विभाग में न कलेक्टर को पिडित ब्यक्ती कर सकता है।किया भी जायेगा तो स्वीकार नहीं किया जायेगा ये हालात हैं कबीरधाम जिला प्रशासन की। इधर स्वास्थ्य मंत्री अन्दर खाने से ढाई ढाई साल वाले मामले से उबर नहीं पाए हैं उधर कबीरधाम जिला स्वास्थ्य विभाग ने मंत्री को बदनाम करने मे कोई कसर नहीं छोड़े है। कर्मचारी काफी मानसिक रुप से प्रताड़ित है इसलिए मांग कर रहे हैं मनमानी ट्रांसफर कर दिया गया है जीसे रद्द करने की पर अनेक कर्मचारी हाईकोर्ट के शरण में भी मामला को लेकर जा चुके हैं कुछ को नियम विरुद्ध स्थगन मिला है कुछ के मामला में सुनवाई होना शेष है ।

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