नवलपुर (ढारा) में उत्साह से मनाई गुरु बालकदास बाबा की जयंती , प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन का भी हुआ आयोजन

नवलपुर (ढारा) में उत्साह से मनाई गुरु बालकदास बाबा की जयंती , प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन का भी हुआ आयोजन

AP NEWS : शनिवार को राजागुरु गुरु बालकदास बाबा जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में ग्राम नवलपुर (ढारा) जिला बेमेतरा में जयन्ती महोत्सव और प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का गौरवपूर्ण शानदार आयोजन किया गया। नवलपुर ढारा राजागुरु गुरु बालकदास बाबा जी का ससुराल ग्राम है। इस पावन भूमि का नाम लोक के स्मरण पटल और इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। डोला संघर्ष के नायक, नारी स्वाभिमान के लिए जान की बाजी लगा देने वाले वीर पुरखा सतलोकी भुजबल महंत जी की जन्मस्थली और कर्मस्थली है नवलपुर।

ज्ञात हो आदरेय भुजबल महंत जी महान प्रतापी राजागुरु गुरु बालकदास बाबा जी के डेढ़साला थे। प्रदेश भर से उपस्थित सताधिक साहित्यकारों ने नवलपुर की पावन भूमि को प्रणाम किया। सभी ने सुअवसर के लिए हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की। यह ऐतिहासिक पावन भूमि समाज और सरकार की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। इस ग्राम को धाम के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

सतनाम महाकाव्य प्रभात सागर के रचयिता आदरणीय मंगत रविन्द्र जी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप उपस्थिति रहे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय ज्ञानी लहरे ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आदरणीय डॉ. अनिल भतपहरी जी सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, आदरणीय यशवन्त सतनामी लोकप्रिय सतनाम भजन गायक, आदरणीय गोकुल बंजारे राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक उपस्थित रहे।
परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा और राजागुरु गुरु बालकदास साहेब जी के तैलचित्र की पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। अतिथियों के स्वागत अभिनन्दन पश्चात संचालक महोदय श्री डी एल भास्कर जी ने आयोजकों की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उपस्थित कवियों साहित्यकारों का हार्दिक अभिनन्दन किया। सुखदेव सिंह “अहिलेश्वर” कबीरधाम ने गुरु वन्दना का मधुर गान किया।

गुरु वंदना के पश्चात लगभग 5 घण्टे तक अविराम रचनापाठ का क्रम चला। प्रदेश भर से उपस्थित कवियों ने एक से एक उत्कृष्ट रचनाओं की प्रस्तुतियाँ दी। श्रोतावर्ग लगातार भावविभोर होते रहे और सराहना के लिए तालियाँ बजाते रहे। सफल आयोजन के आयोजक मण्डल थे स्थानीय सरपंच महोदया, ग्राम प्रमुख गण, ग्राम के शिक्षक और साहित्यिकार कमलेश ढिंढे ‘कमल’जी, स्थानीय जिला बेमेतरा के साहित्यकार गण सर्वश्री जुगेश बंजारे ‘धीरज’ जी, मणीशंकर दिवाकर ‘गदगद’ जी, ओमप्रकाश पात्रे जी और आशीष बघेल जी।

नवलपुर (ढारा) के इस गरिमापूर्ण आयोजन में हमारा कबीरधाम भी शामिल हुआ। डी पी लहरे ‘मौज’, अश्वनी कोसरे ‘रहँगिया’, दयालु भारती और नोकेश मधुकर के साथ मुझे भी इस कार्यक्रम में शामिल होने, पावन भूमि को प्रणाम कर रचनापाठ करने का सुअवसर मिला।