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वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सपोर्ट में बीजेपी समेत 32 पार्टियां, 15 दलों ने जताया विरोध, पढ़िए किसका क्या रहा रुख

वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सपोर्ट में बीजेपी समेत 32 पार्टियां, 15 दलों ने जताया विरोध, पढ़िए किसका क्या रहा रुख

नई दिल्ली : ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ एक ऐसा मुद्दा जिस पर लगातार चर्चा का दौर जारी है। हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या देश में अब एक साथ सभी चुनाव कराए जाएंगे? इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक पैनल बनाया गया। पैनल ने कुल 62 राजनीतिक दलों से राय मांगी थी। इनमें से 18 दलों के साथ व्यक्तिगत बातचीत भी की गई। अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक, अपनी राय देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने इस ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का समर्थन किया, वहीं 15 ने इसका विरोध किया। जिन पार्टियों ने एक साथ चुनाव का सपोर्ट किया, उनमें से केवल दो ही राष्ट्रीय पार्टियां हैं- बीजेपी और कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)। ये भी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है।

‘एक देश, एक चुनाव’ के विरोध में 4 राष्ट्रीय दल
चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता प्राप्त अन्य सभी चार दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और सीपीआई (एम) ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का विरोध किया है। बीजेपी और एनपीपी के अलावा, जिन पार्टियों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया उनमें एआईएडीएमके भी शामिल है। बीजेपी के सहयोगी दल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), अपना दल (सोनेलाल), असम गण परिषद, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (नागालैंड), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम। नीतीश कुमार की जेडीयू, जो हाल ही में महागठबंधन छोड़कर एनडीए में लौटी है। इनके अलावा बीजू जनता दल, शिवसेना (जिसका एक गुट एनडीए के साथ है) और अकाली दल।

इन पार्टियों ने भी प्रस्ताव का किया विरोध
अगर एक साथ चुनाव का विरोध करने वाली पार्टियों की बात करें तो चार राष्ट्रीय पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम और बीएसपी हैं। इनके अलावा एआईयूडीएफ, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम, सीपीआई, डीएमके, नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और समाजवादी पार्टी (एसपी) शामिल हैं। जिन प्रमुख पार्टियों ने पैनल को जवाब नहीं दिया उनमें भारत राष्ट्र समिति, आईयूएमएल, जेएंडके नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेडी(एस), झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (एम), एनसीपी, आरजेडी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), टीडीपी, आरएलडी (अब दोनों बीजेपी सहयोगी) और वाईएसआरसीपी शामिल थीं।

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