पंडरिया : वनांचल क्षेत्र में सेवा और समरसता के साथ मनाई गई गुरु घासीदास बाबा जी की 269वीं जयंती

पंडरिया : वनांचल क्षेत्र में सेवा और समरसता के साथ मनाई गई गुरु घासीदास बाबा जी की 269वीं जयंती

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : मनखे–मनखे एक समान का अमर उपदेश देने वाले, मानवता और सामाजिक समरसता के महान प्रवर्तक परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी की 269वीं जयंती के पावन अवसर पर दिनांक 18 दिसंबर 2025 को सतनामी समाज के युवाओं द्वारा वनांचल क्षेत्र के ग्रामों में सेवा, सहयोग और करुणा से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणजनों को गर्म वस्त्र वितरित किए गए तथा उनका मुंह मीठा कराकर गुरु बाबा जी की जयंती श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम का मूल उद्देश्य गुरु घासीदास बाबा जी के “मनखे–मनखे एक समान” के संदेश को केवल शब्दों तक सीमित न रखते हुए, उसे व्यवहार में उतारना रहा। कड़ाके की ठंड के बीच वनांचल क्षेत्र के जरूरतमंद ग्रामीणों को गर्म वस्त्र प्रदान कर युवाओं ने सेवा भावना का उत्कृष्ट परिचय दिया। साथ ही, सभी ग्रामीणों को मिठाई खिलाकर आपसी प्रेम, भाईचारे और समानता का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर उपस्थित युवाओं ने गुरु घासीदास बाबा जी के जीवन, उनके संघर्षों और समाज सुधार के लिए दिए गए उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा जी ने जाति, भेदभाव और ऊँच-नीच से ऊपर उठकर पूरे समाज को मानवता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही एक समतामूलक, न्यायपूर्ण और संगठित समाज का निर्माण संभव है।
इस सेवा कार्यक्रम में युवाओं के रूप में बिट्टू बंजारे जी एवं बिरेंद्र बघेल जी की प्रमुख भूमिका रही। वहीं, सहयोगियों के रूप में राजा यादव जी, सूरज गुप्ता जी एवं नरेन्द्र चंद्रवंशी जी ने सक्रिय सहभागिता निभाते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। सभी युवाओं ने मिलकर यह संदेश दिया कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना ही गुरु घासीदास बाबा जी की सच्ची जयंती मनाना है।
ग्रामीणजनों ने इस मानवीय पहल की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे सेवा कार्यों से समाज में आपसी विश्वास, सहयोग और सकारात्मक सोच का विकास होता है। उन्होंने सतनामी समाज के युवाओं के इस प्रयास को अनुकरणीय बताते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की अपेक्षा जताई।
कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितजनों ने गुरु घासीदास बाबा जी के आदर्शों को आत्मसात करने, नशामुक्त, शिक्षित और समरस समाज के निर्माण हेतु निरंतर कार्य करने तथा “मनखे–मनखे एक समान” के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।