1000 टन सोने का दावा करने वाले संत शोभन सरकार का निधन, कानपुर में उमड़ी भीड़


Image Source : FILE
उत्तर प्रदेश के कानपुर के जाने माने संत बाबा शोभन सरकार का बुधवार सुबह निधन हो गया। उनके निधन की खबर आने के बाद उनके शोकाकुल भक्त कानपुर स्थित उनके आश्रम में जुटने शुरू हो गए। भक्तों ने शिवली इलाके के बैरी गांव में स्थित शोभन सरकार के आश्रम में पहुंचता देश पुलिस भी अलर्ट हो गई, और तुरंत मौके पर पहुंच गई। बता दें कि उत्तर प्रदेश में स्वामी विरक्त आनंद महाराज ‘शोभन सरकार’ की काफी मान्यता है।
बता दें कि शोभन सरकार 2013 राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा में रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार को बताया था कि उन्हें सपने में आया है कि डोंडिया खेड़ा में 1000 टन सोना छिपा है। उनके कहने पर मनमोहन सरकार ने डोंडिया खेड़ा में ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम लगाकार खुदवाई का काम शुरू करवाया था। पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेश की मीडिया में भी डोंडिया खेड़ा चर्चा का विषय हो गया है। विदेशों से पत्रकारों की टीमें यहां पहुंची थीं। लेकिन बाद में यह दावा गलत पाया गया था। जब कई दिनों तक खुदाई के बाद भी वहां सोना नहीं निकला तो सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।
अखिलेश ने जताया शोक
‘ शोभन सरकार ‘ स्वामी विरक्त आनंद महाराज जी का देहावसान अत्यंत दुःखद!
ईश्वर संत आत्मा को शांति एवं उनके लाखों अनुयाइयों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे।
भावभीनी श्रद्धांजलि !
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 13, 2020
कौन हैं शोभन सरकार
शोभन सरकार का जन्म कानपुर(देहात) जिले के शुक्लन पुरवा गांव में हुआ था। इन्होंने बीपीएमजी इंटर कॉलेज मंधाना से पढ़ाई की। मंधाना के लोगों ने बताया कि शोभन खाली वक्त में गीता और रामचरिमानस का गहन अध्ययन पेड़ के नीचे बैठकर किया करते थे। हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के 10 साल बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और वह स्वामी सत्संगानंद के अनुयायी बन गए। सत्संगानंद के आश्रम में पहले से भी उनके कई अनुयायी रहते थे। आश्रम में सत्संगानंद को लोग बड़े स्वामी कहते थे।